डीएनए हिंदी: सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले दीपक जलाया जाता है, इसके अलावा सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा (Vastu Tips For Diya Direction) है. ऐसे में वास्तु शास्त्र में दीपक जलाने और उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं. ऐसे ही दीपक की लौ की दिशा किस ओर होनी चाहिए, इस संबंध में भी वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में कई नियम बताए गए हैं. आज हम आपको वास्तु शास्त्र में वर्णित इन्हीं नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि दीपक की लौ किस दिशा में होना चाहिए और इससे क्या फायदा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शाम के समय दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
दीपक की लौ की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीपक जलाते समय उसकी सही दिशा देखना जरूरी है. ऐसे में दीपक जलाने से पहल आइए जान लेते हैं, किस दिशा में दीपक का लौ होना चाहिए और किस दिशा में लौ रखने से क्या फायदे और नुकसान होते हैं.
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पूर्व दिशा में
वास्तु के मुताबिक, पूर्व दिशा की ओर अगर दीपक की लौ है तो उसका अर्थ है आयु में वृद्धि होना और अकाल मृत्यु योग का नष्ट होना.
पश्चिम दिशा में
अगर पश्चिम दिशा की ओर दीपक की लौ मुड़ती या झुकती है तो यह बहुत ही अशुभ माना जाता है. यह जीवन में बढ़ने वाले दुखों को दर्शाता है या उस तरफ इशारा करता है.
उत्तर दिशा में
उत्तर दिशा की ओर दीपक की लौ अगर नजर आए तो इसे वास्तु में बहुत कल्याणकारी माना जाता है और यह धन लाभ होने और धन वृद्धि का संकेत है.
दक्षिण दिशा में
इसके अलावा, दक्षिण दिशा की ओर दीपक की लौ का होना बहुत घातक माना जाता है और यह हानि को दर्शाता है जो किसी भी रूप में हो सकती है.
जानिए किस के लिए कौन सा दीपक जलाना चाहिए
- शुभ काम की पूर्ती के लिए आप आटे का दीपक जलाएं.
- सूर्य को मजबूत करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- राहु और केतु के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाएं.
- हनुमान जी के लिए तीन कोनों वाला दीपक जलाना जलाएं.
- विष्णु भगवान, श्री गणेश, श्री कृष्ण और श्री राम के लिए घी का दीपक जलाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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