घर में इन दोष की वजह से बीमारियों से घिरा रहता है व्यक्ति, जानें किस वास्तुदोष से होती है कौन सी बीमारी और उपाय

नितिन शर्मा | Updated:Jan 08, 2024, 08:51 AM IST

कुंडली में ग्रहों के जोड़ तोड़ जीवन में आने वाली समस्याओं का संकेत देती है. वहीं वास्तु शास्त्र का भी हस्तक्षेप कम नहीं है. वास्तु बिगड़ने से दोष लगता है, जो आपके जीवन को प्रभावित करता है.

डीएनए हिंदी: किसी भी व्यक्ति के जन्म होने से लेकर उसके जीवनकाल की शुभ अशुभ घटनाओं में ग्रहों की मुख्य भूमिका होती है. कुंडली में ग्रहों के जोड़ तोड़ को देख कर इसके संकेत मिलते हैं. वहीं वास्तु शास्त्र का भी हस्तक्षेप कम नहीं है. वास्तु बिगड़ने से दोष लगता है, जो आपके जीवन को प्रभावित करता है. इसका असर आर्थिक स्थिति से लेकर व्यक्ति के स्वभाव और स्वास्थ पर भी पड़ता है. वास्तुदोष के चलते घर में रहने वाले लोग तमाम तरह की बीमारियों से ग्रस्त रहते हैं. इन बीमारियों के इलाज के लिए वह अच्छा खासा खर्च भी करत हैं, लेकिन वास्तु बीमारी का इलाज नहीं कराते हैं. इसकी वजह व्यक्ति जीवन भर रोग और कष्ट झेलता है. 

वास्तु शास्त्र की मानें तो कई सारी समस्याओं की असली जड़ वास्तु दोष होता है. वास्तु दोष घर मकान बनाने में दिशाओं की अनदेखी और कहीं पर भी कुछ भी सामान रखने की वजह से लगता है. इसकी वजह से ही घर में बीमारियों और परेशानियों का अंबार लगने लगता है.  बीमारियों का इलाज कराने के साथ ही जब तक व्यक्ति घर का वास्तु ठीक नहीं कराता. उसे बीमारियों से मुक्ति नहीं मिल पाती. यही वजह है कि इसे ठीक कराना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं घर में किस वास्तु दोष की वजह से आती है कौनसी बीमारियां...

वास्तु दोष से जुड़ी बीमारियां

-वास्तु के अनुसार, घर बनाते समय रसोई घर की दिशा और दशा पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. रसोई घर के गलत दिशा में होने पर बीमारियों का वास होता है. अगर आपके घर की रसोई नैऋत्य कोण अर्थात दक्षिण-पश्चिम पवदिशा में है तो सदस्यों को अपच और गुर्दे संबंधी बीमारियां होने की संभावना रहती है. यह व्यक्ति को जीवन भर परेशान कर सकती है. ऐसी स्थिति में घर का वास्तु जरूर दिखा लें. 

-घर की सीढ़ियां भी वास्तु में अहम होती है. अगर घर की सीढ़ियां ईशान कोण यानी पूर्व उत्तर दिशा में ऊपर चढ़ने की तरफ हैं तो घरों में रहने वाले लोग मानसिक तनाव से परेशान रह सकते हैं. इन पर बीपी, मानसिक तनाव, डिप्रेशन जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है, ज्यादातर लोग इन बीमारियों जूझते रहते हैं.  

-पश्चिम दिशा की तरफ पानी पीने से लेकर नहाने की व्यवस्था होने पर व्यक्ति को थायराइड की समस्या हो सकती है. वहीं उत्तर और पूर्व दिशा में पानी संसाधन लाभकारी होता है. इससे धन योग बनते हैं. वहीं ऐसे लोगों को निरोगी काया और अच्छी संतान की प्राप्ति होती है.

-घर की किचन अगर वायव्य कोण यानी उत्तर पश्चिम दिशा में हैं. जलोदर नाम की बीमारी का खतरा पैदा हो सकता है. यह बीमारी भी बेहद खतरनाक है, जो व्यक्ति का जीना मुश्किल कर देती है. 

-अगर घर की सीढ़ियां पूर्व और दक्षिण दिशा की तरफ हैं तो व्यक्ति गुप्तांगों और मूत्र संबंधी बीमारियों से परेशान हो सकते हैं. ऐसे लोगों को सेहत का बेहद ध्यान रखने की जरूरत होती है. 

-घर पूर्व दिशा में आरओ या फिर पानी पीने की कोई भी टेब लगी होने पर व्यक्ति को डायरिया, डिहाइड्रेशन, जलोदर जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. वहीं महिलाओं को अलग तरह के रोग परेशान करते रहते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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