Vastu Tips: वास्तु के अनुसार जानिए कैसा होना चाहिए आपका घर, इस दिशा में बनाएं बेडरूम और खोलें मुख्यद्वार

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 28, 2022, 02:18 PM IST

वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे बनवाएं अपना घर

Vastu: घर में सोने के कमरे से लेकर किचन और मुख्यद्वार कहां होना चाहिए इसका पता जरूर रखें, ताकि घर की तरक्की और खुशियों को ग्रहण न लगे.

Home Vastu Tips- वास्तु शास्त्र में घर की कौन सी दिशा में क्या होना चाहिए इसका उल्लेख मिलता है. इसके अनुसार यदि भवन सही रीति व दिशा में ना हो तो वह मकान मालिक के शारीरिक, आर्थिक व मानसिक परेशानियों का कारण बन सकता है.

ऐसे में घर का निर्माण कराते समय वास्तु नियमों (Vastu Shastra) का खास ध्यान रखना चाहिए. इसमें शुभ या अशुभ भूमि व भवन के लक्षणों के साथ घर को शुभ करने के उपायों का उल्लेख मिलता है. इस लेख के माध्यम से आज हम आपको भवन निर्माण की दिशा बताने जा रहे हैं, जिसके (Vastu Shashtra Tips) आधार पर कमरे बनवाना हर तरह से शुभ माना जाता है. तो चलिए जानते हैं इन उपायों के बारे में... 

वास्तु  शास्त्र के अनुसार ऐसे बनवाएं घर (Home Vastu Tips For Main Gate, Bedroom and Kitchen)

पूर्व दिशा -

पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा है ऐसे में इस दिशा से सकारात्मक और ऊर्जावान किरणें हमारे घर में प्रवेश करती हैं. इसलिए घर का मेनगेट इस दिशा में बनवाना चाहिए, साथ ही अगर आप चाहें तो इस दिशा में खिड़की भी बनवा सकते हैं.

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पश्चिम दिशा -

घर में रसोईघर या टॉयलेट पश्चिम दिशा दिशा की ओर ही बनवाना चाहिए. इसके अलावा रसोईघर और टॉयलेट पास- पास न हो इस बात का जरूर ध्यान रखें.

उत्तर दिशा -

वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे होने चाहिए इसके अलावा घर की बालकॉनी व वॉश बेसिन भी इसी दिशा में होना चाहिए. साथ ही इस दिशा में मेनगेट होना भी बहुत उत्तम माना जाता है.
 
दक्षिण दिशा -

इस दिशा में किसी भी प्रकार का खुलापन, शौचालय आदि नहीं होना चाहिए. घर में इस स्थान पर भारी सामान रखना चाहिए. इस दिशा में द्वार या खिड़की होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो जाता है.
 
उत्तर-पूर्व दिशा -

इस दिशा को ईशान दिशा भी कहते हैं. जो जल का स्थान होता है. ऐसे में इस दिशा में बोरिंग, स्वीमिंग पूल, पूजास्थल आदि होना चाहिए. इसके अलावा इस दिशा में मेनगेट का होना भी बहुत ही अच्छा माना जाता है.
 
उत्तर-पश्चिम दिशा -

इसे वायव्य दिशा कहते हैं. इस दिशा में हमेशा बेडरूम, गैरेज, गौशाला आदि बनवाना चाहिए.
 
दक्षिण-पूर्व दिशा -

इसे घर का आग्नेय कोण कहा जाता है. जो अग्नि तत्व की दिशा होती है. ऐसे में इस दिशा में गैस, बॉयलर, ट्रांसफॉर्मर आदि होना चाहिए.

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दक्षिण-पश्चिम दिशा -

इस दिशा को नैऋत्य दिशा कहा जातक है. इसलिए इस दिशा में खुलापन अर्थात खिड़की, दरवाजे बिलकुल नहीं होना चाहिए. आप चाहें तो घर के मुखिया का कमरा यहां बनवा सकते हैं. इसके अलावा कैश काउंटर, मशीनें आदि आप इस दिशा में रख सकते हैं.
 
घर का आंगन -

कहते हैं घर में आंगन नहीं है तो घर अधूरा है. इसलिए घर के आगे और पीछे छोटा ही सही, पर आंगन होना चाहिए. घर के आंगन में तुलसी, अनार, जामफल, मीठा या कड़वा नीम, आंवला आदि के अलावा सकारात्मक ऊर्जा देने वाले फूलदार पौधे लगाने चाहिए ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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