डीएनए हिंदी: वास्तु शास्त्र में सभी दिशाओं का अलग-अलग महत्व है. जैसे पूजा-पाठ के लिए पूर्व-उत्तर दिशा खास मानी जाती है, ठीक उसी प्रकार अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग दिशा निर्धारित की गई हैं. इसी तरह खान-पान के लिए भी उचित दिशा का चयन किया गया है. आइए जानते हैं कि खाना खाते समय हमें किस दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए और किस दिशा की ओर मुंह करके खाना निषेध माना गया है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा से देवताओं का संबंध है. ऐसे में इस दिशा की ओर मुंह करके खाना खाने से बीमारियां दूर होती हैं और देवताओं की भी कृपा प्राप्त होती है. साथ ही आरोग्य और लंबी उम्र का भी वरदान प्राप्त होता है.
इसके अलावा उत्तर भी देवताओं की दिशा होती है. इस दिशा से मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर का संबंध होता है. ऐसे में इस दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से घर में रुपये-पैसों की कमी नहीं होती है. घर के मुखिया को उत्तर की दिशा की ओर मुंह करके भोजन करना शुभ माना गया है.
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नौकरी पेशा वालों के लिए पश्चिम दिशा शुभ मानी गई है. इस दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से उनकी सेहत अच्छी रहती है.
वहीं वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खाना से मनाही की गई है. कहा जाता है कि इस दिशा की ओर मुंह करके खाने से दरिद्रता आती है. साथ ही कंगाली का सामना करना पड़ सकता है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर आए मेहमान को पश्चिम दिशा में बैठाकर खाना खिलाना चाहिए. साथ ही खुद उत्तर या पूरब की ओर मुंह करके भोजन करें. इससे घर में बरकत होती है. अगर खाना खाने के लिए डाइनिंग टेबल का इस्तेमाल करते हैं तो उसे दक्षिण या पश्चिम की दीवार की तरफ रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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