Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी पर हुआ था श्रीराम और सीता का विवाह, फिर भी इस दिन अशुभ होती है शादी, जानें वजह

Written By नितिन शर्मा | Updated: Dec 17, 2023, 09:50 AM IST

विवाह पंचमी पर भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा अर्चना करने के साथ ही विवोहत्सव के रूप में मनाते हैं. इसी दिन तुलसीदास जी द्वारा रामचरितमानस को भी पूरा किया गया था.

डीएनए हिंदी: मार्ग शीर्ष पास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. यह दिन बहुत ही शुभ होता है. धार्मिक शास्त्रों की मानें तो इसी दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था. यही वजह है कि लोग इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा अर्चना करने के साथ ही विवोहत्सव के रूप में मनाते हैं. इसी दिन तुलसीदास जी द्वारा रामचरितमानस को भी पूरा किया गया था. इसके बेहद शुभ होने के बाद भी लोग विवाह पंचमी पर बेटे या बेटी की शादी नहीं करते. इस दिन को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है. आइए जानते हैं क्यों इस दिन शादी कसे बचा जाता है.

खुशियों का होता है आगमन

धार्मिक पुराणों की मानें तो भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह पंचमी के दिन हुआ था. इस दिन पूजा पाठ करने के साथ ही भगवान का ध्यान करने से घर में खुशियों का आगमन होता है. ​पति पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है. ज्योतिष में विवाह पंचमी पर किए जाने वाले कुछ उपायों के बारे में भी बताया गया है. बताया जाता है कि इन उपायों को करने से ​कुंवारी कन्याओं के शादी में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है. कन्याओं को योग्य पति मिलता है और जल्द ही उनके हाथ पीले हो जाते हैं.  

जानें कब है विवाह पंचमी 2023 

इस साल विवाह पंचमी रविवार 17 दिसंबर 2023 को होगा. इस दिन पंचमी को भगवान श्रीराम और माता सीता जी के वैवाहिक वर्षगांठ को मनाया जाएगा. इस दिन आयोध्या और नेपाल में खास उत्सव किा जाते हैं. लोग राम सीता के विवाह का आयोजन करते हैं. कहा जाता है कि इस दिन भगवान सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. 

विवाह पंचमी पर इसलिए नहीं होती शादियां

विवाह पंचमी का दिन बेहद शुभ होता है. इस दिन पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है, लेकिन इस दिन लोग अपनी कन्या का विवाह नहीं कराते हैं. कहा जाता है कि इस दिन विवाह के लिए शुभ मुहूर्त और नक्षत्र होने पर भी लोग बेटी का विवाह इस दिन करने से बचते हैं. इसकी वजह माता सीता का विवाह के बाद जीवन बेहद कष्टों में बीतना था. जिस तरह माता सीता पिता के घर से विदा होने के बाद ही उनका जीवन कष्टों से भर गया. उन्हें पहले श्रीराम के साथ 14 साल का वनवास काटना पड़ा. इसबीच माता सीता का हरण और फिर श्री राम द्वारा रावण को मारा गया. यही वजह है कि इस हिंदू धर्म में शादी-विवाह के लिए विवाह पंचमी को अशुभ माना जाता है.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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