डीएनए हिंदी: इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के हिसाब से दो ईद (Eid) मनाई जाती है. पूरे विश्व में मीठी ईद यानी ईद उल फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं ईद उल फितर के 70 दिन बाद ईद उल अजाह यानी बकरीद मनाई जाती है. हालांकि दोनों त्योहार ही इस्लाम समुदाय में धूमधाम से मनाया जाता है. दोनों त्योहारों में काफी अंतर है लेकिन सामाजिक रूप से एक जैसे हैं. क्योंकि दोनों में ही अल्लाह को शुक्रिया अदा किया जाता है.
क्या होती है मीठी ईद (Eid ul Fitr)
मीठी ईद पर लोग सभी को ईदी देते हैं और खूब खुशी से इस दिन को मनाते हैं. कहते हैं जंग ए बदर खत्म होने के बाद पैंगबर मोहम्मद ने ईद उ फितर का जश्न मनाया था. इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से इसे हिजरी सन भी कहते हैं. इसके मुताबिक चांद की चाल के आधार पर रमजान का महीना आता है.
कैलेंडर के मुताबिक साल का 9वां महीना रमजान के लिए तय होता है. जिसमें 29 दिन के रोजे रखे जाते हैं और चांद रात के बाद ईद मनाई जाती है. इस दिन बहुत जश्न का माहौल होता है. इस दिन हर कोई एक दूसरे को मीठी चीजें खिलाते हैं और फितरा भी देते हैं. सेवई और खुरमा भी बनता है.
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बकरीद क्या है (Eid ul Adha)
बकरीद को कुर्बानी का दिन कहते हैं. इस दिन कुछ नियमों का पालन किया जाता है. कहते हैं इसकी शुरुआत हजरत इब्राहिम से हुई थी. कहा जाता है कि अल्लाह ने इब्राहिम कसे खास चीज की कुर्बानी मांगी थी और उन्होंने बिना सोचे समझे बेटे की कुर्बानी दे दी थी लेकिन उस वक्त अपनी आंखें बंद रखी थी.जब आंखें खोली तो देखा कि एक जानवर की बली दी गई. उसके बाद से ही बकरीद के दिन कुर्बानी दी जाती है.
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