डीएनए हिंदीः 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर का मंदिर में सप्त ऋषियों की खंडित मूर्तियां दोबारा मंदिर में स्थापित नहीं हो सकती हैं क्योंकि हिंदू धर्म में खंडित मूर्तियों की पूजा अशुभ और वर्जित माना गया है. ऐसे में अब इन मूर्तियों का क्या होगा.
ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मौजुमदार बता रही हैं की जब भी किसी मंदिर या घर के मंदिर में रखीं मूर्तियां खंडित होती हैं तो उन्हे हटा देना जरूरी होता है लेकिन हटाने का प्रक्रिया को समझना होगा, क्योंकि जिन मूर्तियों की आप पूजा करते रहें हो उसे यूंही नहीं हटाया जा सकता है. तो चलिए जानें कि श्री महाकालेश्वर मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठित खंडित सप्त ऋषियों की मूर्तियों का क्या होगा.
खंडित मूर्तियों को करना होगा विसर्जित
प्रतिका बताती हैं कि अगर किसी देवी-देवता की मूर्ति खंडित हो जाती है जिसकी प्राण प्रतिष्ठी की गई हो और जिसकी आप रोजाना पूजा करते हो तो मूर्ति को प्रणाम करके विधिपूर्वक किसी नदी या बहते जल में विसर्जित करना जरूरी होता है. खंडित हुई मूर्ति का पूरी श्रद्धा और आदर के साथ विसर्जन करना चाहिए.
कभी न करें ऐसा अगर घर में खंडित हो जाए प्रतिमा या तस्वीर
जैसे हम कई बार सड़क के किनारे या फिर किसी वृक्ष के नीचे भगवान की फटी हुई तस्वीरें और टूटी हुई मूर्तियां देखते हैं. उन्हें देखने के बाद बेहद दुख होता है और मन में सवाल उठता है कि ‘कैसे कोई भगवान की इन मूर्तियों का अपमान कर सकता है. तो ऐसे में आप भी भूलकर ये गलती न करें.
अगर भगवान की तस्वीर किसी फोटो फ्रेम में लगी है और वह टूट जाती है तो आप उस फोटो को फाड़कर फेंके नहीं. बल्कि उसको फ्रेम और कांच से अलग करके फोटो को विसर्जित कर दें. अगर आप भगवान की फटी हुई फोटो को हटाते नहीं है तो इसका आपके घर के सदस्यों पर बुरा प्रबाव पड़ता है.
खंडित मूर्ति होना क्या अशुभ का है संकेत
प्रीतिका बताता हैं कि घर या मंदिर में रखी मूर्ति का अपने आप खंडित होना अशुभ नहीं होता, बल्कि ये इस बात का संकेत है कि आपके परिवार या देश पर आने वाला कोई बड़ा संकट भगवान ने अपने ऊपर ले लिया है. मूर्ति का स्वयं खंडित इस बात का इशारा है कि कोई आपदा आपके ऊपर आने वाली थी और वह टल गई. ऐसा माना जाता है कि खंडित मूर्तियां घर की अनहोनी घटना को अपने भीतर समाहित कर लेती हैं जिससे होने वाले अनिष्ट का फल कम हो जाता है.
तो वही जिन लोगों के घर के मंदिर में सदियों से चली आ रही प्राचीन और बहुत पुरानी मूर्तियां हैं जिनकी आप आज भी पूजा करते हो तो ये मूर्तियां अन्य संकेत देती है. अगर किसी दिन मंदिर में ऐसी कोई मूर्ति अचानकर अपने आप गिरकर टूट जाती है. तो ये अशुभ संकेत होता है. अगर मूर्ति मात्र गिरी है और टूटी नहीं है तो आप उसका विसर्जन न करें बल्कि स्वच्छ जल से उसे धोकर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करके उसे पुनः स्थापित करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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