Sarva Pitru Amavasya 2024: कल सर्व पितृ अमावस्या पर करें ये उपाय, हर विपत्ति से मिलेगी मुक्ति और बढ़ेगा बैंक बैलेंस

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 01, 2024, 07:07 AM IST

सर्व पितृ अमावस्या

हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के साथ होता है. इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध तिथि और पिंडदान करने की विधि को अधिक महत्व दिया जाता है.

सर्व पितृ अमावस्या के इस दिन किया गया कोई भी उपाय प्रभावशाली होता है. पितृपक्ष का पखवाड़ा पितरों के लिए विशेष माना जाता है. इस दौरान पितरों को याद कर उन्हें तर्पण दिया जाता है. इस दिन उस व्यक्ति का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है जिसकी श्राद्ध तिथि हमें मालूम न हो. अगर आप लगातार आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से मदद मिलेगी.
 
हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के साथ होता है. इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध तिथि और पिंडदान करने की विधि को अधिक महत्व दिया जाता है. इस दिन किया गया कोई भी उपाय प्रभावशाली होता है.

सर्वपितृ अमावस्या कब से कब तक रहेगी

पितृपक्ष का पखवाड़ा पितरों के लिए विशेष माना जाता है. इस दौरान पितरों को याद कर उन्हें तर्पण दिया जाता है. पितरों का आशीर्वाद मिलने से हमारे जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाती हैं. इस साल सर्वपितृ अमावस्या 1 अक्टूबर को रात 9:40 बजे और 2 अक्टूबर को दोपहर 2:19 बजे रहेगी. इस अमावस्या को मोक्षदायिनी अमावस्या कहा जाता है. उदया तिथि के अनुसार 2 अक्टूबर को ही अमावस्या होगी.

अक्सर जब हम पैसा कमाते हैं तब भी वह हमारे पास टिकता नहीं है. या बार-बार धन की हानि होती है. ऐसा कहा जाता है कि इससे पितृ आपसे नाराज हो जाएंगे. सर्वपितृ अमावस्या को सबसे बड़ी अमावस्या माना जाता है. इस दिन उस व्यक्ति का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है जिसकी श्राद्ध तिथि हमें मालूम न हो. अगर आप लगातार आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से मदद मिलेगी.
  
एक इच्छा पूरी करने के लिए

सर्वपितृ अमावस्या के दिन तिल की करछुल बनाकर मंदिर में चढ़ाना चाहिए. साथ ही यह लड्डू कौए, गाय और कुत्ते को खिलाएं. इस लड्डू को चढ़ाते समय अपनी इच्छा भी ध्यान में रखें. ऐसा करने से आपकी कई दिनों से अधूरी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी. पितरों का आशीर्वाद भी आपको मिलेगा.
 
उत्तर-पूर्व दिशा में एक दीपक

वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा को पवित्र माना जाता है. इसे देवताओं का निवास स्थान माना जाता है. इस दौरान पितरों की पूजा और याद करनी चाहिए और घर में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए इस दिशा में दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. घर में पैसा आता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
 
वित्तीय बोझ कम करने के लिए

सर्वपितृ अमावस्या का अर्थ पितरों को याद करना और उन्हें श्रद्धांजलि देना है. इस दिन पूजा और दान का फल हमें मिलता है. इस समय आपको मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए और लक्ष्मी मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. इससे आर्थिक संकटों से राहत मिलेगी. सर्वपितृ अमावस्या के दिन 21 बार तुलसी माला का जाप करें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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