Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में अगर भूल से भी कर दिया ये काम तो घर में कंगाली आना तय है

ऋतु सिंह | Updated:Sep 19, 2024, 08:09 AM IST

श्राद्ध नियम

पितृ पक्ष में पितरों के पिंडदान करना शुभ होता है लेकिन वहीं घर में शुभ काम या कोई सामान को खरीदना अशुभ माना गया है. अगर पितृपक्ष में कुछ चीजें खरीद लीं तो आपके घर में कंगाली का आना तय है.

हमारी प्राचीन हिंदू संस्कृति में ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दिन किसी भी प्रकार के शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए और न ही कोई वस्तु खरीदनी चाहिए. इस दिन हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनका स्मरण करते हैं. इसलिए वैदिक ज्योतिष के कुछ ग्रंथों में बताया गया है कि इस दिन कौन से काम या नए काम नहीं करने चाहिए. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
 
नई संपत्ति, वाहन, कपड़े खरीदना अशुभ है
पितृ पक्ष में नए कपड़े, आभूषण, संपत्ति, वाहन या कोई भी महत्वपूर्ण वस्तु खरीदना इस दौरान अशुभ माना जाता है, क्योंकि इसे तपस्या और सादगी का काल माना जाता है.
 
कोई मांगलिक कार्यक्रम नहीं
शादियों, गृहप्रवेशों या त्योहारों सहित किसी भी प्रकार के उत्सव से बचें. याद रखें कि पितृ पक्ष कोई उत्सव नहीं बल्कि शोक का समय है.
 
मांस से परहेज करें
मांस, शराब और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से बचें. यह अवधि आध्यात्मिक शुद्धि के लिए है और इस मांस से परहेज करना पूर्वजों के प्रति सम्मान का प्रतीक है.
 
बाल-नाखून न काटें
पितृ पक्ष के दौरान बाल या नाखून काटना आम तौर पर अशुभ माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे पितृ आत्माओं का अपमान होता है.
 
घर में शांति बनाए रखें
घर में शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने का प्रयास करें. झगड़े, विवाद या किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से बचें, जो दिवंगत आत्माओं की शांति को भंग करती हो.
 
रात्रि यात्रा से बचें
पितृ पक्ष के दौरान आमतौर पर रात में यात्रा करने से बचें, क्योंकि यह समय खतरनाक और अशुभ माना जाता है.
 
श्राद्ध का प्रसाद न खाएं
श्राद्ध कर्म के लिए बनाया गया भोजन पितरों को अर्पित करने से पहले न करें. यह भोजन दिवंगत आत्माओं को समर्पित है और इसे पहले से खाना अपमानजनक माना जाता है.
 
ब्राह्मणों या अतिथियों का अनादर न करें
इस दौरान ब्राह्मणों और मेहमानों, विशेषकर श्राद्ध कर्म में लगे लोगों के साथ अत्यंत सम्मानपूर्वक व्यवहार करें. इनका अनादर करना पितरों का अनादर करने के समान माना जाता है.
अगर आप पितृ पक्ष के दौरान ये काम नहीं करते हैं तो आप अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करेंगे. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए अनुष्ठानों से दिवंगत आत्माओं और जीवित परिवार के सदस्यों को शांति और आशीर्वाद मिलता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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