Karva Chauth Puja Vidhi: करवा चौथ के बाद क्या करें मिट्टी का करवा और श्रृंगार का सामान, जानें क्या है नियम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 30, 2023, 05:13 PM IST

करवा चौथ के बाद क्या करें मिट्टी का करवा और श्रृंगार का सामान, जानें नियम

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ की पूजा में मिट्टी के करवे का खास महत्व होता है. यहां जानिए करवा चौथ की पूजा के बाद करवे का क्या करना चाहिए और कैसे पूजा की चौकी हटानी चाहिए...

डीएनए हिंदी:  हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाया जाता है और इस बार सुहागिन महिलाओं के लिए खास माना जाने वाला करवा चौथ का व्रत 1 (Karwa Chauth 2023) नवंबर को रखा जाएगा. करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं और माता करवा देवी (Karwa Mata Puja Vidhi)  की विधिवत पूजा-पाठ करती हैं. इस व्रत में मिट्टी के करवे का खास महत्व होता है और करवे के बिना करवा चौथ की पूजा अधूरी मानी जाती है. लेकिन पूजा के बाद ज्यादातर महिलाएं करवे को फेंक देती हैं, पर ऐसा नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं कि करवा चौथ की पूजा के बाद करवे का क्या करना चाहिए और कब पूजा की चौकी हटानी चाहिए...

पूजा के बाद करवे का क्या करें?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवे में माता गौरी का वास होता है और इसलिए इसे फेंका नहीं चाहिए. यह माता का अपमान करने जैसा है. ऐसे में आप करवा चौथ की पूजा के बाद करवे को अच्छे से साफ कर रख दें, फिर आप इसे आप वापस से अगले करवा चौथ पर इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके अलावा करवा चौथ की पूजा के बाद किसी पेड़ के नीचे करवे को रख सकती हैं और करवे को पूजा के बाद नदी में भी बहा सकती हैं. साथ ही करवे को अगर रखना चाहती हैं तो लाल कपड़े में लपेट कर और फिर कलावे से बांधकर किसी सुरक्षित और साफ स्थान पर रख दें.   

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ध्यान रहे कि अगर करवे को पेड़ के नीचे रखते हैं तो करवे पर कोई गंदगी न लगे और करवा टूटना भी नहीं चाहिए. क्योंकि मान्यता है कि जितना करवे का पूजा से पहले और पूजा के दौरान साबुत रहना जरूरी है उतना ही पूजा के बाद भी महत्वपूर्ण है.  

कब और कैसे हटाएं पूजा चौकी

बता दें कि करवा चौथ की पूजा के बाद विधिवत विसर्जन की विधि निभाई जाती है और कलश स्थापना के दौरान आवाहन किए गए देवी-देवताओं को विदा किया जाता है. इसके बाद सुहाग के सामान को माता गौरी या करवा माता से हाथ जोड़कर मांगा जाता है और फिर हटा दिया जाता है. इसके बाद चौकी पर रखे करवों को घर में कहीं सुरक्षित रख सकती हैं या नहीं रखना चाहती तो पेड़ के नीचे रख कर आ सकती हैं. फिर इसके बाद पूजा की चौकी को हटायें और किसी शुद्ध स्थान पर रख दें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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