Chhath Puja Ke Niyam: 36 घंटे का चलने वाला छठ का व्रत सबसे कठिन माना गया है. छठ पूजा में साफ-सफाई और नियमों का विशेष महत्व होता है. तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान छठी मैया की आराधना के साथ सूर्य भगवान की पूजा भी होती है.
यह व्रत कठिन इसलिए माना जाता है क्योंकि निर्जला व्रत के साथ इसके नियम बहुत कड़े हैं. वहीं, इस व्रत को विधिवत करना भी सरल नहीं है क्योंकि छठ पूजा की विधि को पूर्ण करने में कठिन तप लगता है. आइये जानते हैं छठ पूजा विधि के बारे में और साथ ही, जानेंगे कि छठ पूजा में क्या-क्या सामग्री लगती है.
छठ पूजा सामग्री 2023 (Chhath Puja Samagri List 2023)
- गन्ना
- पानी वाला नारियल
- कुमकुम
- चंदन
- अक्षत
- पीला सिंदूर
- दीपक
- फूल
- हरे पान के पत्ते
- साबुत सुपाड़ी
- शहद
- घी
- बाती
- धूपबत्ती
- कपूर
- दीपक
- अगरबत्ती
- माचिस
- सभी तरह के फल
- ठेकुआ महाप्रसाद होता है
इसके अलावा कुछ चीजें छठ के डाल में बहुत जरूरी होती हैं, जैसे हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा, बड़ा वाला मीठा नींबू, शरीफा, केला और नाशपाती, शकरकंदी, सुथनी, मिठाई, गुड़, गेंहू, चावल का आटा और घी की भी जरूरत होती है. .
छठ पूजा विधि (Chhath Puja Vidhi)
छठ पूजा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. इसके बाद छठ व्रत का संकल्प लें और सूर्य देव एवं छठी मैया का ध्यान करें. व्रत में अन्न का सेवन नहीं करना है. ये व्रत निर्जला रखा जाता है. छठ के पहले दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है .
अस्त होते हुए सूर्य देव (सूर्य देव की आरती) को पूरी निष्ठा के साथ अर्घ्य दें. भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस का प्रयोग करें.
बांस के अलावा, आप पीतल की टोकरी या सूप का उपयोग करें. पीतल की टोकरी नई होनी चाहिए. पूजा के लिए जिस भी टोकरी या सूप का इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें फल, फूल, गन्ने, पकवान आदि समेत पूरी सामग्री रखें और सिन्दूर से सूप या टोकरी को तिलक करें. सूर्य अर्घ्र के समय टोकरी में सारी पूजन सामग्री होनी चाहिए.
ध्यान रहे कि पूरे दिन और रात भर निर्जल व्रत रखना है और फिर अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना होता है.
छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय के दौरान स्नान-ध्यान करने के बाद व्रती लोग कद्दू-भात खाते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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