Karva Chauth 2024: करवाचौथ का व्रत 20 या 21 अक्टूबर किस दिन रखा जाएगा, जान लें चंद्रमा को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त भी

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 14, 2024, 11:26 AM IST

करवाचौथ का व्रत किस दिन रखा जाएगा

करवाचौथ का व्रत इस बार किस दिन रखा जाएगा इसको लेकर असमंझस है. क्योंकि इस बार चौथ दो दिन यानी 20 और 21 अक्टूबर दोनों ही दिन पड़ रहा है. तो चलिए जानें किस दिन करवाचौथ का व्रत होगा और चंद्रमा को जल देने का शुभ समय क्या होगा.

करवा चौथ व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं. हालाँकि, यह व्रत बहुत कठिन होता है, क्योंकि इस व्रत में भोजन के साथ पानी पीना वर्जित होता है, यानी बिना पानी के व्रत करने का नियम है. शाम को चंद्र देव को जल चढ़ाने के बाद ही यह व्रत खोला जाता है.

करवा चौथ व्रत के कई महत्वपूर्ण नियम हैं जिनका पालन न करने पर महिलाओं को उनकी पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है. आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत की सही तारीख और व्रत से जुड़े जरूरी नियम, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है.
 
करवा चौथ का व्रत कब है?

पंचांग के अनुसार इस वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 06:46 बजे शुरू हो रही है, जो 21 अक्टूबर को सुबह 04:16 बजे समाप्त होगी. करवा चौथ का व्रत उदयातिथि के आधार पर 20 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा.

च्रंदमा पूजन मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ की पूजा शाम को 05 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 02 मिनट तक के बीच होगी. वहीं, इस दिन चांद निकलने  का समय शाम 07 बजकर 54 मिनट का है. इस दौरान आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं.

करवा चौथ व्रत पूजा का महत्व

करवा चौथ का व्रत भगवान गणेश और करवा माता को समर्पित है. इस दिन गणपति और करवा देवी के अलावा चंद्र देव की पूजा का भी महत्व है. चंद्र देव को आयु, सुख, समृद्धि और शांति का कारक ग्रह माना जाता है. करवा चौथ के दिन चंद्र देव की पूजा करने से दांपत्य जीवन सुखमय रहता है. इसके अलावा पति की उम्र भी बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. करवा चौथ व्रत को देश के कई राज्यों में करक चतुर्थी व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
 
करवा चौथ व्रत के महत्वपूर्ण नियम

  • करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है और चंद्रमा निकलने के बाद समाप्त होता है. इस व्रत को चंद्र देव के दर्शन करने के बाद ही खोलना चाहिए.
  • व्रत के दिन शाम को चंद्रोदय से पहले भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, नंदी महाराज और कार्तिकेय जी यानी शिव परिवार की पूजा करें.
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार शाम के समय शिव परिवार की पूजा करते समय स्त्री का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. इस दिशा की ओर मुख करके पूजा करना शुभ होता है.
     

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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