Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या कब है? जानिए इस दिन क्या दान करना है जरूरी

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jan 17, 2024, 06:52 AM IST

Mauni Amavasya 2024

मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली अमास को मौनी अमास कहा जाता है. मौनी अमास के दिन गंगा स्नान का सबसे अधिक महत्व है.

डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म में कई तिथियां हैं और सभी का अपना-अपना महत्व है. उनमें से एक है अमावस्या. मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था. इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. 

मौनी अमावस्या कब है?
 
पंचाग के अनुसार साल 2024 में मौनी अमावस्या तिथि 9 फरवरी को सुबह 8.02 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 10 फरवरी को सुबह 4:28 बजे समाप्त होगी. जिसके चलते मौनी अमावस्या 9 फरवरी को मनाई जाएगी. 
 
मौनी अमावस्या का महत्व 

  1. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का अत्यधिक महत्व है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इस दिन हजारों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं. वहीं जो लोग किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते वे घर के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करते हैं. 
  2. मौनी अमावस्या के दिन स्नान के साथ पूजा-पाठ और दान करने से हजारों गुना अधिक पुण्य फल मिलता है. इस दिन सूर्य देव को दूध और तिल से अर्ध्य देने से हर मनोकामना पूरी होती है. 
  3. इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है. 

 
क्या मौन व्रत रखना चाहिए?
 
अमावस्या के दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता जिसके कारण मानसिक स्थिति ख़राब हो सकती है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मौन रहने से मानसिक स्थिति ठीक रहती है और दिमाग कमजोर नहीं होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन ऋषि की तरह मौन रहना चाहिए और कड़वे जहर से बचना चाहिए. ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या पर भगवान शिव और विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. 
 
क्या दान करना अच्छा होता है
 
मौनी अमावस्या के दिन कुछ चीजें दान करने से देवताओं और पितरों की कृपा सदैव बनी रहती है. इस दिन तिल 

  • चावल 
  • तिल के लड्डू 
  • पोशाक 
  • अमला 
  • तिल का तेल 
  • धन आदि का दान करने से कुंडली से पितृ दोष समाप्त हो जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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