हिंदू धर्म में तुलसी पूजा को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है. और कार्तिक मास में तुलसी विवाह करने से कई पाप से मुक्त होते हैं, लेकिन कई लोग तुलसी विवाह को भी दिवाली का ही एक हिस्सा मानकर उतने ही उत्साह से मनाते हैं.
तुलसी विवाह कब है?
पंचांग के अनुसार कार्तिक एकदाशी तिथि 12 नवंबर, मंगलवार शाम 6.42 बजे से 13 नवंबर, बुधवार शाम 7.24 बजे तक रहेगी. उदय तिथि के अनुसार 13 नवंबर की शाम को तुलसी विवाह मनाया जाएगा.
इस वर्ष तुलसी विवाह समारोह कितने दिनों का है?
तुलसी विवाह कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तक किया जाता है. इसके अनुसार 13 नवंबर से 15 नवंबर तक तुलसी विवाह किया जाएगा.
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त है
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त 13 नवंबर को शाम 5.29 बजे से शाम 7.53 बजे तक रहेगा.
तुलसी विवाह की पौराणिक कथा
भगवान कृष्ण के तुला के दौरान, भले ही उनकी सभी पत्नियाँ एक परदा और दूसरे परदा में भगवान कृष्ण के वजन के आभूषण और मुद्रा पहनती थीं, फिर भी तुला पूरा नहीं होता था. उस समय सत्यभामा ने उस पर एक तुलसी का पत्ता रख दिया. साथ ही सजावट तुरंत नीचे आ गिरी. तुलसी के पवित्र और निःस्वार्थ प्रेम ने उसे पूर्ण होने में सक्षम बनाया. भगवान विष्णु ने उन्हें आशीर्वाद स्वरूप अपनी पत्नी का सम्मान दिया. हर वर्ष पहले मैं तुलसी से विवाह करुंगा और फिर अन्य इच्छुक वधुओं से विवाह कराऊंगा. ऐसे आशीर्वाद दिया गया, वह प्रथा आज तक जारी है.
तुलसी पूजा मंत्र
तुलसी भाग्य की देवी, महान लक्ष्मी, ज्ञान की शानदार देवी है.
वह धर्मात्मा और धर्ममय मुख वाली है तथा देवी-देवताओं के मन को प्रिय है
वह सर्वोच्च भक्ति प्राप्त करता है और अंत में विष्णु का लोक प्राप्त करता है.
तुलसी भूर्महालक्ष्मी पद्मिनी श्री हरप्रिया
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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