छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है और अगले चार दिनों में शुद्धता और पवित्रता का बेहद खास ख्याल रखना चाहिए. ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मजुमादार बताती हैं कि छठ महापर्व में किन गलतियों को करने से व्रत खंडित हो सकता है या पूजा का पुण्य फल नहीं मिलता.
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पूजा मनाई जाती है. इस दिन सूर्यदेव और छठी मैय्या की पूजा का विधान है. कठिन नियमों का पालन करते हुए 36 घंटों तक इस व्रत को रखा जाता है. ऐसे में ज्योतिषाचार्य से जानें कि छठ पूजा के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
छठ पूजा पर क्या करें
- छठ पूजा का कोई भी काम करने से पहले स्नान कर नए कपड़ें पहनें, फिर पूजा का काम शुरू करें.
- छठ पूजा का व्रत निर्जला होता है और प्रसाद आदि बनाने में नमक का हाथ भी नहीं छूना चाहिए..
- छठ पूजा का भोग बनाने से पहले हाथों को गंगाजल से स्वच्छ कर लेना चाहिए, फिर प्रसाद बनाएं.
- छठ पूजा के लिए अलग से चूल्हा रखें या स्टोव पर अलग कमरे में प्रसाद बनाएं. छठ पूजा के कमरे में हर किसी का प्रवेश नहीं होना चाहिए.
- छठ पूजा पर भगवान सूर्य की पूजा होती है. ऐसे में सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल के साथ दूध का अर्घ्य भी दें.
- छठ पूजा में छठी मैय्या के पूजन का विधान है. ऐसे में प्रसाद से भरे सूप से छठी माता की पूजा करें.
- छठ पूजा के दिनों के दौरानइस पर्व से जुड़ी कथा अवश्य पढ़ें. कथा पढ़ने से व्रत पूर्ण माना जाता है.
छठ पूजा पर क्या न करें
- भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा के बाद ही आप प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं, इससे पहले प्रसाद लेने से व्रत खंडित हो जाएगा.
- बिना स्नान किये पूजा की किसी भी चीज को हाथ न लगाएं. इससे उसकी शुद्धता भंग हो जाएगी.
- छठ पूजा से पहले ही घर में तामसिक भोजन बंद कर दें. किसी भी हाल में घर में मांसाहार, धूम्रपान, शराब आदि चीजों का सेवन न करें.
- छठ पूजा के दिनों में लहसुन और प्याज का खाने में प्रयोग करने से बचना चाहिए.
- छठ पूजा के दौरान कभी भी पुरानी टोकरी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से