हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन शांत होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और हनुमान जी की कृपा मिलती है. लेकिन 90% लोग गलत तरीके से हनुमान चालीसा का जाप करने से इसका लाभ उठाने से चूक जाते हैं. हनुमान चालीसा का पाठ करते समय 90% लोग कौन सी गलतियां करते हैं?
किसी मंत्र या स्तोत्र का जाप करते समय हम कई बार जाने-अनजाने में गलतियां कर बैठते हैं. इस गलती के कारण उन्हें मंत्र जाप का कोई शुभ फल नहीं मिलता है. अगर उन्हें इससे फायदा होगा तो बहुत देर हो जायेगी.
हनुमान चालीसा एक प्रभावशाली मंत्र है, इसका पाठ करने से व्यक्ति को बल, बुद्धि, विद्या, साहस समेत सभी प्रकार के लाभ मिलने लगते हैं. क्या आप जानते हैं कि हनुमान चालीसा का पाठ करते समय 90% लोग क्या गलतियाँ करते हैं?
90% लोग करते हैं ये गलती:
हनुमान चालीसा का जाप करते समय एक आम गलती जो हम सभी करते हैं वो ये है कि जब हम हनुमान चालीसा का जाप शुरू करते हैं तो केवल हमारा मुंह इसका जाप करता रहता है. लेकिन, मन कहीं और जाता रहता है. हमारी मांसपेशीय स्मृति बस इसे पढ़ती है और पढ़ते समय हमारा ध्यान इस पर केंद्रित नहीं होता है. हनुमान चालीसा का पाठ करते समय यह गलती कभी नहीं करनी चाहिए.
राम का नाम लिए बिना न करें शुरुआत
सभी इस बात से परिचित हैं कि हनुमान, राम जी के परम भक्त हैं. इसलिए भगवान राम का नाम लिए बिना हनुमान चालीसा की शुरुआत न करें. वरना आप इसके फल से वंचित रह जाएंगें.
तन और मन रखें साफ
हनुमान जी और उनके इष्ट श्री राम के चित्र की स्थापना करें. इसके बाद उनके समक्ष जल से भरा पत्र रखें. कम से कम 3 बार से लेकर 108 बार तक चालीसा का पाठ करें. घर में हनुमान चालीसा का पाठ करते समय तन और मन दोनों साफ होना बेहद जरूरी है.
तामसिक भोजन और मदिरा से रहें दूर
खान पान और आचरण की शुद्धता पर ध्यान देना जरूरी है. हनुमान चालीसा का पाठ करते समय तामसिक भोजन या मदिरा का सेवन करने से बचें. मंगलवार के दिन सुबह अथवा शाम के समय हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है
निर्बल को परेशान न करें
पूजा के समय आसन का इस्तेमाल जरूर करें. नीचे जमीन पर बिना आसन या कुशा के न बैठें. इसे अशुभ माना जाता है. हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले कभी भी निर्बल पर बल का प्रयोग न करें और न हीं अपशब्दों का प्रयोग करें.
हनुमान चालीसा दोहा का अर्थ:
हां आपको हनुमान चालीसा की कुछ पंक्तियां के अर्थ भी बता रहे हैं जो अंजनेय स्वामी के जन्म, बचपन के चमत्कार, श्री राम की भक्ति, सीता की खोज, लंका दहन, रावण की हत्या, समर्पण का वर्णन करते हैं. तो चलिए इनके अर्थ भी समझ लें.
"श्री गुरु चरण सरोज राजा
निज मनु मुकुरु सुधारि"
अर्थात: मैं श्री गुरु के चरणों की धूलि से अपने मन के दर्पण को स्वच्छ करके महिमा का गान और वर्णन करता हूं.
"बरनौ रघुवरा बिमल जसु
जो जोधिगु फल चारी"
अर्थात: मैं भगवान राम के सेवक की महिमा का वर्णन करूंगा जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष ये चार फल प्रदान करते हैं.
"बुद्धहीन तनु जानिके
सुमिरौ पवन कुमारा"
अर्थात: मैं अपनी मूर्खता को जानकर उसे नष्ट करने के लिए पवनपुत्र हनुमान का आह्वान करता हूं.
"बाला बुद्धि विद्या देहु मोहि
हरहु कलेश विकारा"
अर्थ: हे भगवान हनुमान, मुझे शक्ति, बुद्धि, ज्ञान और स्वस्थ शरीर दें, मेरे सभी दुखों और बीमारियों को दूर करें.
चौपाई:
''जय हनुमान ज्ञान गुण सागर''
का अर्थ है: ज्ञान और गुणों के सागर हनुमान को नमस्कार.
"जया कपीसा तिहुम लोक उजागर"
अर्थ: तीनों लोकों, स्वर्ग, मृत्यु और पाताल को प्रकाशित करने वाले बंदरों के राजा भगवान हनुमान को नमस्कार.
"रामदूत अतुलिता बाला धाम"
का अर्थ है: भगवान राम के दूत और अतुलनीय शक्ति के निवास भगवान हनुमान को नमस्कार.
"अंजनि पुत्र पवनसुत नामा"
का अर्थ है: माता अंजनी के पुत्र और पवन पुत्र हनुमान को नमस्कार.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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