Hanuman Jayanti: साल में दो बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती, जानें इसके पीछे की वजह

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 19, 2022, 04:40 PM IST

साल में दो बार हनुमान जयंती मनाने की वजह

Hanuman Jayanti:साल में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. यहां जानें साल में दो बार क्यों मनाया जाता है यह पर्व

डीएनए हिंदी: Why Hanuman Jayanti Celebrated Twice In a Year- हनुमान जी के जन्म स्थान और जन्मतिथि को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. कुछ मान्यताएं कहती हैं की हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी दिवाली से एक दिन पहले हुआ था. बाल्मिकी रामायण में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि मंगलवार के दिन स्वाती नक्षत्र में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. ऐसे ही एक मान्यता और है जिसके अनुसार माना जाता है कि बजरंगबली का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि को हुआ था. इसके पीछे कई कथाएं भी प्रचलित हैं. चलिए जानते हैं साल में दो बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2022)

साल में किस-किस तिथि में मनाई जाती है हनुमान जयंती 

हर साल हनुमान जयंती दो बार मनाई जाती है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार पहली हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, जो मार्च या अप्रैल के महीने में पड़ती है और साल की दूसरी हनुमान जयंती कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन मनाई जाती है. इसलिए मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में बजरंगबली का जन्म हुआ था. 

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ऐसे में पहली हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्म दिवस के तौर पर मनाई जाती है. वहीं  दूसरी हनुमान जयंती विजय अभिनंदन महोत्सव के तौर पर मनाई जाती हैं. 

साल में दो बार हनुमान जयंती मनाने की वजह

जिस दिन हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था उस तिथि पर पहली हनुमान जयंती मनाई जाती है. इसे दिन को लोग हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कि इसी दिन माता अंजनी के कोख से जन्म लेने के बाद उन्हें बहुत तेज भूख लगती है, और वो सूर्य देव को आम्र फल समझकर निगल लेते हैं. 

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वहीं दूसरी हनुमान जयंती दिवाली के दिन या उससे एक दिन पहले मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन माता सीता ने हनुमान जी के समर्पण और भक्ति भाव को देखकर उन्हें अमरता का वरदान दिया था.  इसलिए दिवाली या उससे एक दिन पहले दूसरी हनुमान जयंती मनाई जाती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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