Tirupati Temple: तिरूपति में क्यों होता है महाशांति यज्ञ? क्यों माना गया है इसे बहुत महत्वपूर्ण

ऋतु सिंह | Updated:Oct 07, 2024, 06:20 PM IST

महाशांति होम क्यों किया जाता है?
 

तिरुपति सन्निधान के बारे में कौन नहीं जानता.? खासकर हाल के दिनों में लड्डू प्रसाद से जुड़ा मामला जोरों शोरों से उछला था और महाशांति होम का आयोजन किया था. क्या आप महाशांति होम का महत्व जानते हैं ?

तिरूपति मंदिर के लड्डू प्रसादम में मिलावट की खबरें पहले से ही काफी चल रही थीं. यह मामला सामने आते ही मंदिर प्रबंधन ने मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए साफ-सफाई कराई थी. मंदिर की अशुद्धता को नष्ट करने के लिए, मंदिर ने 23 सितंबर को महाशांति होम का आयोजन भी किया गया था. यह विशेष महा शांति यज्ञ श्रीवारी मंदिर के बंगारू बावी यज्ञशाला में आयोजित किया जाता है. यह महाशांति होम किस कारण से किया जाता है? क्या आप इस बारे में कुछ भी जानते हैं?
 
महाशांति होम क्यों किया जाता है?
मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद से जानवरों की चर्बी या अन्य अशुद्धियों को दूर करने के लिए तिरुपति थिमप्पा मंदिर में महाशांति होम किया जाता है. इस होम को करने से पूरा स्थान शुद्ध हो जाता है. मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए हर साल एक पवित्र उत्सव का भी आयोजन किया जाता है.
 
तिरूपति मंदिर की अन्य महत्वपूर्ण बातें
ऐसा माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरूपति मंदिर में निवास करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति को कोई यहां नहीं लाया था बल्कि मूर्ति की उत्पत्ति स्वयं यहीं हुई थी. चाहे मानसून हो या सर्दी, वेंकटेश्वर की इस मूर्ति से पसीने की बूंदें निकलती हैं. और मूर्ति में भगवान तिरूपति वेंकटेश्वर स्वामी को बालों से सजे सिर पर देखा जा सकता है. इतना ही नहीं इस मूर्ति से और भी कई रहस्य जुड़े हुए हैं.
 
सिर के बाल दान करने की प्रथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इस सन्निधान में हम जो भी प्रार्थना करेंगे वह पूरी होगी. भक्त यहां आकर हरक बांधते हैं और मनोकामना पूरी होने पर भगवान को अपने बाल दान करते हैं. कुछ लोग अपना पूरा सिर मुंडवा लेते हैं, जबकि कुछ लोग अपने सिर के केवल कुछ बाल ही दान करते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति के बाल कभी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं.
 
वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति के लिए चंदन का लेप
गुरुवार के दिन थिमप्पा की विशेष पूजा की जाती है. इस पूजा पद्धति में तिरूपति वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर चंदन का लेप लगाने की परंपरा है. जब वेंकटेश्वर स्वामी को चंदन का लेप लगाया जाता है, तो धन की देवी देवी लक्ष्मी की छवि स्वामी के हृदय में प्रकट होती है.
 
महाशांति यज्ञ का महत्व
सनातन धर्म में मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जिस भी स्थान पर हम होम करते हैं, उस स्थान की नकारात्मकता दूर हो जाती है, बुरी शक्तियां नष्ट हो जाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा अपना प्रभुत्व बढ़ा लेती है. इसलिए, स्थान को शुद्ध करने के लिए तिरुपति सन्निधा में महाशांति होम भी किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस होम को करने से वह स्थान पवित्र हो जाता है. इस महाशांति होम को करते समय विभिन्न मंत्रों के माध्यम से होम किया जाता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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