'भगवान कल्कि का अवतार अभी होना है और उनका कलयुग से गहरा नाता होगा.' कल्कि मंदिर के शिलान्यास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बातें कहीं. बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के बाद यूपी के संभल में बन रहा ये मंदिर सबसे ज्यादा चर्चा में है. चलिए जानें भगवान कल्कि हैं कौन.
भगवान कल्कि होंगे इनके अवतार
यह मंदिर भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि को समर्पित होगा और विष्णु ही कल्कि अवतार लेकर कलयुग का अंत करेंगे. इनका यह स्वरूप 64 कलाओं से परिपूर्ण होगा और यह सफेद घोड़े पर सवार होंगे. कल्कि रूप में भगवान विष्णु पापियों का सर्वनाश करके पृथ्वी पर पुनः धर्म की स्थापना करेंगे.
कब आएंगे भगवान कल्कि
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पृथ्वी पर कलयुग का इतिहास 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा, जिसमें अभी प्रथम चरण चल रहा है. यानी 3102+2023= 5125 साल कलियुग के बीत चुके हैं और 426875 साल अभी शेष हैं.
किसकी गलती से हुआ कलयुग का आरंभ?
राजा परीक्षित की इस गलती से हुआ था कलयुग का आरंभ हुआ था. क्योंकि राजा ने विभांडक ऋषि का अपमान किया था और पिता के अपमान पर ऋषि श्रृंगी राजा परीक्षित को यह शाप दिया था कि 7 दिन में नागराज तक्षक उन्हें डस लेंगे और उनकी मृत्यु हो जाएगी. शाप के कारण राजा को 7 दिन के बाद नागराज तक्षक ने डस लिया और उनकी मृत्यु हो गई. राजा परीक्षित की मृत्यु के बाद से ही कलयुग की शुरुआत मानी जाती है.
यहां बन रहा भगवान कल्कि के लिए मंदिर
यह मंदिर संभल के एंकरा कंबोह इलाके में बनने जा रहा है. इस मंदिर को सफेद और भगवा रंग से सजाया जा रहा है. कांग्रेस के नेता रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं.
क्यों होगा दुनिया का अनोखा मंदिर
कल्कि मंदिर विष्णु के 10वें और भगवान विष्णु के आखिरी अवतार कल्कि को समर्पित है. सनातन धर्म में मान्यता है कि कलयुग के अंत में विष्णु भगवान कल्कि प्रकट होंगे. इस लिहाज से यह मंदिर दुनिया भर में अनोखा है क्योंकि जिस अवतार के लिए मंदिर बन रहा है अभी वह प्रकट ही नहीं हुआ है.
अयोध्या के राम मंदिर वाला पत्थर लगेगा
इस मंदिर में 10 गर्भगृह होंगे, इन दसों गर्भगृहों में अलग-अलग दस अवतार स्थापित होंगे. इस मंदिर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इस मंदिर का निर्माण उसी गुलाबी पत्थर से किया जा रहा है जो अयोध्या के राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर में इस्तेमाल हुआ है. इस मंदिर में भी स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा. यह मंदिर 5 एकड़ में बनेगा. इसे बनने में 5 साल लगेंगे.
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