डीएनए हिंदीः 20वीं सदी के महान संतों में से एक विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली (Neem Karoli Baba) के दुनिया भर में अनेकों भक्त हैं. बाबा नीम करौली (Neem Karoli Baba) का उत्तराखंड के नैनीताल में आश्रम स्थित है. बाबा ने इस आश्रम की स्थापना 15 जून 1964 को की थी. इस दिन को हर साल आश्रम (Karoli Dham) के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है. बाबा नीम करौली (Neem Karoli Baba) के कई चमत्कार बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है.
बाबा को उनके आश्रम के नाम से भी जाना जाता है. बाबा नीम करौली (Neem Karoli Baba) के इस आश्रम का नाम कैंची धाम (Kainchi Dham) आश्रम हैं. बाबा को कैंची धाम (Kainchi Dham) बाबा के नाम से भी जानते हैं. बाबा के आश्रम का नाम कैंची धाम आश्रम (Kainchi Dham) क्यों हैं इसके पीछे बड़ी ही दिलचस्प वहज हैं. आपको बाबा नीम करौली (Neem Karoli Baba) के आश्रम के कैंची धाम नाम के पीछे की वजह के बारे में बताते हैं.
कैंची धाम क्यों पड़ा बाबा नीम करौली के आश्रम का नाम (Neem Karoli Baba Ashram Name Kainchi Dham)
बाबा नीम करौली का आश्रम उत्तराखंड नैनीताल में हल्द्वानी से भवाली और अल्मोड़ा जाने वाले मार्ग पर स्थित है. बाबा का यह आश्रम कैंची धाम के नाम से भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्रसिद्ध है. कैंची धाम आश्रम की तरफ जाने वाले मार्ग पर दो मोड़ हैं. यह दोनों मोड़ बिल्कुल कैंची के फलकों की तरह ही हैं. यही वजह है कि नीम करौली बाबा के इस आश्रम का नाम कैंची धाम पड़ा है.
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कौन हैं बाबा नीम करौली (Neem Karoli Baba)
बाबा नीम करौली का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में सन् 1900 के करीब हुआ था. उनका बचपन का नाम लक्ष्मीनारायण था. बाबा को मात्र 17 साल की उम्र में ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी. नीम करौली बाबा 1961 में कैंची धाम में आए थे. वह हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त है. उनके कई भक्त उन्हें बजरंगबली का अवतार मानते हैं. उन्होंने अपने जीवनकाल में 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण कराया था. बाबा ने अपने जीवनकाल में कई ऐसे चमत्कार किए है जिससे यह पता चलता है कि उनके पास दिव्य शक्तियां थी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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