डीएनए हिंदीः इस साल लोकसभा चुनाव हैं. देश की आम जनता अपने मताधिकार का प्रयोग कर केंद्र सरकार का चुनाव करेगी. इस बार वोट से बदलेगा सत्ता? या फिर बीजेपी केंद्र में सत्तारूढ़ दल की भूमिका में लौटने वाली है? क्या नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार अपना जादू बरकरार रख पाएंगे? क्या वह एक बार फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर दिखेंगे?
ये सवाल अब हर किसी के मन में है. अब हम देखेंगे कि 2024 में मोदी का प्रदर्शन कैसा रहेगा, क्या वह दोबारा लोकसभा चुनाव जीत पाएंगे, ज्योतिषियों की गणना इस बारे में क्या कहती है.
नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली
नरेंद्रभाई दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को वडनगर, मेहसाणा, गुजरात में हुआ था. वह वृश्चिक राशि का है. मोदी की जन्म कुंडली में चंद्रमा और मंगल की युति से लक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है. इसी लक्ष्मी योग के प्रभाव से वे लंबे समय तक प्रशासन के शीर्ष पद पर रहे हैं.
नमो 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे. वह मई 2014 से भारत के प्रधान मंत्री हैं. पिछले दो लोकसभा चुनावों में मोदी की लोकप्रियता देशभर में देखने को मिली है. नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली में पंचम भाव में राहु की स्थिति, कन्या राशि में बुध और दशमेश सूर्य की दृष्टि एक अच्छा राजयोग बना रही है. ज्योतिषियों का कहना है कि मोदी की राजनीतिक रणनीति और चुनावी नीतियां इसी राजयोग के प्रभाव में हैं.
2024 के लिए ज्योतिषीय गणना
अगले साल यानि 2024 में भी नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली में ग्रहों की अनुकूल स्थिति बनी रहेगी. वर्तमान में उनकी जन्म कुंडली में मंगल की महादशा और शनि की अंतर्दशा चल रही है. इन दोनों ग्रहों के शुभ प्रभाव से 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
चूंकि शनि कुंडली में तीसरे (मित्र) और चौथे (सिंहासन) घर का स्वामी है, इसलिए शुभ ग्रह शुक्र शासन के 10वें घर के साथ युति में होगा. इसके अलावा पंचमेश बृहस्पति अन्य शुभ ग्रहों के साथ मिलकर समसप्तक योग बनाएगा और इसके प्रभाव से उन्हें दोबारा देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी मिलेगी, ऐसा ज्योतिषियों की गणना के अनुसार है.
पेट पर बुरा असर
जन्म कुंडली में विभिन्न ग्रहों के शुभ प्रभाव से नरेंद्र मोदी को अगले साल राजनीतिक सफलता मिल सकती है, वहीं विभिन्न ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है. मोदी को अगले साल अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा अधिक सचेत रहना होगा क्योंकि शनि की तीसरी दृष्टि बारहवें घर (नुकसान और विदेशी मामले) पर है. साथ ही किसी भी विदेशी देश की साजिश से सावधान रहना भी उनके लिए जरूरी है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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