डीएनए हिंदी: (Aate Ke Totke) हर घर में रोटी बनाने के लिए आटा गूंथा जाता है. इसे हर महिलार अलग अलग तरह से गूंथती हैं. कोई पूरियां बनाने के लिए तेल डालती हैं तो कुछ रोटियों के लिए पानी डालती है. ताकि आटे से बनी रोटियां अच्छी आएं. आटा लगाने की सबकी अपनी अलग रेसिपी हो सकती है, लेकिन आटा गूंथने के बाद महिलाएं उस पर उंगलियों के निशान जरूर बना देती हैं. यह चीज सभी घरों में काॅमन है. ज्यादातर लोगों ने यह बात नोटिस भी की होगी, लेकिन क्या आप जानत हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है. अगर नहीं तो हम बताते हैं कि आखिर यह क्यों किया जाता है. इसकी वजह पूर्वजो से जुड़ी हुई है. आइए जानते हैं.
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पिंडदान से होता है आटे का संबंध
ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार के अनुसार, हिंदू धर्म में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया जाता है. पिंडदान करने से पूर्वजों को स्वर्ग मिलता है. वहीं आटे से बने पिंड का संबंध सीधा चंद्रमा से होता है. यही पिंड पितरों तक पहुंचत है. इसी वजह से पिंडदान को गोल बनाया जाता है, जिसे किसी न किसी रूप में आकर पूर्वज इसे ग्रहण कर लेते हैं. इस पर उंगलियों के निशान नहीं बनाएं जाते हैं.
आटे पर इसलिए बनाते हैं उंगलियों के निशान
शास्त्रों को आटे के गोले को पूर्वजों के लिए पिंडदान का रूप दिया गया है. इसे पूर्वज ग्रहण करेंगे. ऐसे में अगर कोई भर व्यक्ति आटे के बपने पिंड से बनी रोटियां खाता है तो उसे पाप लगता है. इसी पाप से बचने के लिए महिलाएं आटा गूंथने के तुरंत बाद उस पर उंगलियों के निशान बना देती हैं. इसे यह पिंड नहीं रहता. साथ ही खाने योग्य बन जाता है. महिलाओं के इसके एक टोटके से उक्त आटे से बनी रोटियों के खाने से पाप नहीं लगता.
मनोविज्ञान में दिया गया ये तर्क
वहीं आटा गूंथने के बाद महिलाओं द्रवारा उस पर उंगलियों के निशान बनाने को मनोविज्ञान की नजर से देखें तो यह एक आदत होती है. मनोविज्ञान के अनुसार, किसी भ व्यक्ति को काम करने के बाद उस पर अपनी छाप छोड़ने की आदत होती है. चाहे फिर हस्ताक्षर हो या उस पर उंगलियों की छाप. यह अपनी मौजूदगी दर्शाना है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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