Shubh Muhurat: इस खास मुहूर्त में कार्य करने से मिलती है सफलता, प्रभु श्रीराम के जन्म से जुड़ा महत्व

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 17, 2023, 03:56 PM IST

अभिजीत मुहूर्त

Abhijeet Muhurat: अभिजीत मुहूर्त में कोई भी काम करने से सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं. इस मुहूर्त को विजय प्राप्ति वाला मुहूर्त माना जाता है.

डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मुहूर्त का विशेष महत्व होता है. लोग किसी भी कार्यों को करने के लिए शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) जरूर देखते हैं. मान्यताओं के अनुसार, किसी भी कार्य को शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) देखकर किया जाए तो उसमें निश्चित ही सफलता मिलती है. दिन भर में सूर्योदय के बाद से सूर्योस्त तक 30 तरह के मुहूर्त होते हैं. इन्हीं में से एक मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat)  भी होता है. ज्योतिषीयों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat)  को बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है. अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat)  में कोई भी काम करने से सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं. इस मुहूर्त को विजय प्राप्ति वाला मुहूर्त माना जाता है. अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat) प्रभु श्रीराम के जन्म से भी संबंधित है. तो चलिए अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat) और इसके बारे में जानते हैं.

अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat)
अभिजीत मुहूर्त का संबंध श्रीराम के जन्म से हैं. भगवान श्रीराम का जन्म इसी मुहूर्त में हुआ था. अभिजीत मुहूर्त में जन्में श्रीराम को कभी भी असफलता नहीं मिली थी इसी वजह से इसे शुभ माना जाता है. ज्योतिषीय शास्त्रों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त रोज दोपहर को 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक होता है. अभिजीत मुहूर्त की समय अवधी 48 मिनट होती है. शास्त्रों में इसे स्वयं सिद्धि मुहूर्त माना गया है इस दौरान काम शुरू करने से सफलता मिलती है. 

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रामचरितमानस में भी हैं इसका जिक्र
भगवान श्रीराम के जन्म के समय के बारे में तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में बताया गया है. रामचरितमानस की  “नौमी तिथि मधुमास पुनीता, सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता। मध्य दिवस अति सीत ना घामा, पावन काल लोक बिश्रामा।।” इस चौपाई से साफ है कि प्रभु श्रीराम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था. राम जी का जन्म मधुमास यानी चैत्र महीने की शुक्ल नवमी को हुआ था.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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