Astrology : धन-वैभव और समृद्धि के लिए अष्टधातु से बने इन भगवान की करें पूजा

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jun 24, 2022, 09:27 AM IST

धन-वैभव और समृद्धि चाहिए तो अष्टूधातु से बनी मूर्ति की करें पूजा

ज्योतिष में ईश्वर की पूजा के साथ ही धातु का भी विशेष महत्व बताया गया है. धन-सुख और वैभव की प्राप्ति के लिए अष्टधातु की मूर्ति पूजा करनी चाहिए.

डीएनए हिंदी : ज्योतिष में सुख-शांति और धन प्राप्ति के लिए कई उपाय बताए गए हैं. यहां आपको सबसे आसान और कारगर उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपकी सारी ही समस्यात का हल कर देंगे. हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करना बहुत ही श्रेष्ठम माना गया है. लेकिन क्या‍ आपको पता है कि अगर आप भगवान की अष्टधातु से बनी प्रतिमा की पूजा करते हैं तो उसके विशेष फल मिलते हैं. मान्यमता है कि लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा की अराधना करता करने से जातक के जीवन की कई परेशानियों का अंत हो जाता है. भगवान गणेश अपने भक्तों के कष्ट दूर करते हैं तो मां लक्ष्मी उन्हें धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.

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अष्टधातु लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा के फायदे

  • माँ लक्ष्मी और गणेश जी की अष्टधातु से बनी ये मूर्ति प्रगति और शांति का प्रतीक मानी जाती है.
  • इसे घर में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा घर परिवार में हमेशा बनी रहती है.
  • इस प्रतिमा को घर में रखने से मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है.
  • आर्थिक तंगी से निजात मिलती है.
  • नौकरी और व्यापार में तरक्की मिलने के आसार बढ़ जाते हैं.
  • धन प्राप्ति के मार्ग में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं.
  • बरकत हमेशा बनी रहती है.

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प्रतिमा को स्थापित करने की विधि

  • प्रतिमा को स्थापित करने से पहले उस पर गंगाजल या कच्चे दूध का छिड़काव जरूर कर लें.
  • इस प्रतिमा को स्थापित करने के लिए उत्तर दिशा सबसे उत्तम मानी गई है.
  • आप चाहें तो इस प्रतिमा को धन या बैंक से संबंधित काग़ज़ातों के पास भी रख सकते हैं.
  • मूर्ति के नीचे लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाएं.
  • इस प्रतिमा को शुक्रवार की होरा में स्थापित करें.
  • फिर विधि विधान भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की अराधना करें.


पूजा के दैरान मंत्र:
दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्.
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीड..

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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