डीएनए हिंदी: (Dress Code In Temple) भारत में एक से एक बड़े और प्राचीन मंदिर स्थित है. यहां भगवान सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. यही वजह है कि वैष्णों देवी से लेकर महाकाल मंदिर तक करोड़ों श्रद्धालु मंदिरों में भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं. भगवान के सामने अपनी दिल की इच्छा रखतें और वह पूर्ण भी होती है, लेकिन इनमें कई लोग ऐसे भी हैं, जो मंदिर में भगवान के दर्शन की जगह वहां सेल्फी कराने से लेकर उल्टे सीधे कपड़े पहनकर पहुंच जाते थे. इसी को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन ने इन मंदिरों में ड्रेस कोड़ जारी कर दिया है. साल 2023 में देश के छह मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड जारी कर दिया गया है.अगर आप नये साल पर मंदिर में भगवान के दर्शन करने जा रहे हैं ड्रेस कोड जरूर ध्यान रखें.
देश के इन पांच मंदिरों में ड्रेस कोड के विरुद्ध कपड़े पहनकर जानें पर श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी. इनमें मुख्य रूप से वेस्टर्न ड्रेस से लेकर जींस, स्कर्ट और टॉप शामिल है. इन्हें पहनकर मंदिर जानें पर दर्शनों से रोका जा सकता है. आइए जानते हैं 5 मंदिर, जिनमें ड्रेस कोड लगा दिया गया है.
जम्मू कश्मीर वैष्णों देवी मंदिर में ड्रेस कोड
साल 2023 के शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से थे. इनकी शुरुआत के साथ वैष्णों देवी मंदिर में ड्रेस कोड को लागू कर दिया गया है. इसमें श्राइन बोर्ड ने कहा कि मंदिर में ड्रेस कोड अब सख्ती से लागू किया जाएगा. जींस, टॉप और शॉर्टस पहनकर माता के दर्शन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा छोटे कपड़े जैसे निक्कर, बरमूडा, टी-शर्ट, नाइट सूट आदि पहनकर भी मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा. अब ऐसे श्रद्धालुओं को बीच में ही रोक दिया जाएगा. साथ ही शालीन कपड़े पहनकर आने की आग्रह किया गया है. जैसे महिलाएं सूट या साड़ी पहनकर ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी.
उज्जैन महाकाल मंदिर
मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में हर साल महादेव के लाखों भक्त पहुंचते हैं. यहां पर महादेव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का पालन करना जरूरी है. यहां मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए कुछ भी पहनकर जा सकते हैं, लेकिन भगवान शिव के जलाभिषेक और भस्म आरती में धोती -कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी पहनना अनिवार्य है. इसके अलावा जींस या टीशर्ट या शॉर्ट्स पहनकर मंदिर में जानें से रोक दिया जाता है. वहीं आरती के दौरान महिलाओं को कुछ देर के लिए घूंघट करना अनिवार्य होता है.
गुरुवायुर कृष्ण मंदिर
केरल में स्थित भगवान गुरुवायुर कृष्ण मंदिर काफी प्रसिद्ध है. देश भर से यहां लोग भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस मंदिर में ड्रेस कोड को लेकर काफी सख्ती है. मंदिर में दर्शन के लिए महिलाएं सिर्फ साड़ी और सूट पहनकर ही जा सकती है. वहीं पुरुष केरल पारंपरिक लुंगी पहनकर ही जा सकते हैं. ऐसे में अगर मंदिर में वेस्टर्न ड्रेस पहनकर जाते हैं तो मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा.
घृष्णेश्वर महादेव मंदिर
भगवान शिव के बाहर ज्योतिर्लिंगो में से एक घृष्णेश्वर महादेव मंदिर में सख्त ड्रेस कोड है. इसमें चमड़े से बनी बेल्ट से लेकर पर्स लेकर जानें पर रोक है. मंदिर में बेल्ट, पर्स जैसी चीजें नहीं ले जा सकते हैं. चमड़े के वस्त्रों भी प्रतिबंधित हैं. इसके अलावा पुरुषों को इस मंदिर में दर्शन करने के लिए ऊपरी हिस्से के कपड़े उतारने पड़ते हैं. वहीं महिलाएं किसी भी तरह के ट्रेडिशनल कपड़े को पहनकर जा सकती हैं.
तिरुपति बालाजी
देश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी में ड्रेस कोड को लेकर सख्त नियम है. इस मंदिर में यहां बरमूडा, शॉर्ट्स या टी-शर्ट पहनकर प्रवेश नहीं कर सकते हैं. मंदिर में पैंट या शर्ट पहनकर प्रवेश मिल सकता है. इस मंदिर में महिलाओं के लिए भी ड्रेस कोड है. महिलाओं को साड़ी या सलवार सूट में ही प्रवेश मिल सकता है. मंदिर में होने वाले खास अनुष्ठानों में हिस्सा लेने के लिए साड़ी या धोती या पायजामा पहनना जरूरी है.
महाबलेश्वर मंदिर
कर्नाटक में स्थित महाबलेश्वर मंदि देश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह महदेव के बड़े मंदिरों में शामिल है. इस मंदिर में जींस, पैंट, कोट, से लेकर शॉर्ट्स और बरमूडा पहनकर एंट्री वर्जित है. महादेव के इस मंदिर में पुरुष सिर्फ धोती में और महिलाएं साड़ी या सलवार सूट पहनकर ही प्रवेश कर सकती हैं. यहां ड्रेस कोड का सख्ती से पालन कराया जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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