डीएनए हिंदी: कॉमवनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) में भारतीय क्रिकेट टीम फाइनल में करीबी मुकाबले में हार गई और गोल्ड मेडल से चूक गई है. हरमनप्रीत कौर और टीम को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा है. हालांकि देश को अपनी बेटियों की उपलब्धि पर गर्व है. इस बीच सोशल मीडिया और क्रिकेट एक्सपर्ट पर टीम की हार को लेकर काफी चर्चा हो रही है. इस हार ने एक बार फिर दबाव में बिखरने की कमजोरी को सामने ला दिया है. आइए समझते हैं कि मुख्य रूप से किन 5 वजहों से टीम की हार हुई है.
Harmanpreet Kaur के गलत फैसले: रणनीति और कप्तानी की लिहाज से देखें तो कह सकते हैं कि हरमप्रीत कौर की कप्तानी काफी औसत रही थी. अच्छी शुरुआत के बाद उन्होंने कुछ ऐसे फैसले किए जो गलत साबित हुए और टीम को हार मिली है. पावरप्ले में ऑस्ट्रेलियाई टीम 43 रन ही बना सकी थी लेकिन उसके बाद कप्तान ने 4 अलग-अलग गेंदबाजों से बॉलिंग करवाई और दबाव भारतीय टीम पर बन गया था.
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ओपनर्स का फ्लॉप शो: इस मैच में भारत के दोनों ओपनर ने निराश किया और भारतीय टीम ने 22 रनों पर ही 2 विकेट गंवा दिए थे. स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा के जल्दी आउट हो जाने की वजह से मिडिल ऑर्डर पर दवाब काफी बढ़ गया था. दोनों ही ओपनर अगर टीम को सधी हुई शुरुआत दे पाते तो आगे मिडिल ऑर्डर पर निर्भरता इतनी ज्यादा नहीं होती.
मिडिल ऑर्डर पूरी तरह बिखर गई: दबाव में भारतीय मिडिल ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गई थी और एक औसत लक्ष्य का पीछा करने से चूक गई. आखिरी 8 विकेट सिर्फ 34 रनों के अंतर पर गंवा दिए और नतीजा गोल्ड मेडल हाथ से फिसल गया था. पूजा वस्त्राकर, दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा, राधा यादव में से कोई भी अगर एक छोर से टिक जाता तो नतीजा पलट सकता था.
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दबाव में बिखरने की आदत: भारतीय टीम इससे पहले भी कई बार करीबी मुकाबले सिर्फ दबाव में बिखरने की वजह से हार चुकी है. 3 गेंद शेष रहते भारतीय पारी का अंत हो गया था. अगर टेलएंडर बैटर्स ही थोड़ा आत्मविश्वास के साथ सामना करने की कोशिश करते तब भी नतीजे बदल सकते थे.
गेंदबाजों ने भी किया निराश: बल्लेबाजों और मिडिल ऑर्डर के साथ ही टीम के गेंदबाजों ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. शुरुआत अच्छी रही थी और 9 रन पर ही पहला विकेट गिर गया था. इसके बाद पावरप्ले में भी कम रन बने थे और ऐसा लग रहा था कि कंगारुओं के लिए 150 का आंकड़ा छूना भी मुश्किल हो सकता है. बीच के ओवर में लय गड़बड़ाई और लक्ष्य 160 के पार चला गया था जिससे पार पाने में भारतीय टीम चूक गई.
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