डीएनए हिंदी: भारत के स्टार मुक्केबाज अमित पंघल ने पिछले राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में मिली हार का बदला चुकता कर लिया है. पुरूष फ्लाईवेट वर्ग में पंघल ने चार साल पहले गोल्ड कोस्ट में इंग्लैंड के ही एक प्रतिद्वंद्वी से हार मिली थी. इस बार 26 साल के भारतीय मुक्केबाज ने अपनी आक्रामकता के बूते पर घरेलू प्रबल दावेदार मैकडोनल्ड कियारान को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता. पंघाल काफी तेजी से मुक्के जड़ रहे थे जिससे इस दौरान मैकडोनल्ड के आंख के ऊपर एक कट भी लग गया जिसके लिये उन्हें टांके लगवाने पड़े और खेल रोकना पड़ा.
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अपनी लंबाई का इस्तेमाल करते हुए मैकडोनल्ड ने तीसरे राउंड में वापसी की कोशिश की लेकिन एशियाई खेलों के चैम्पियन ने उनके सभी प्रयास नाकाम कर दिए. पंघल ने सेमीफाइनल में जाम्बिया के टोक्यो ओलंपियन पैट्रिक चिनयेम्बा के खिलाफ वापसी करते हुए जीत दर्ज की थी जो उनके लिये ‘टर्निंग प्वाइंट’ रही.उन्होंने कहा, ‘‘यह सबसे कठिन मुकाबला रहा और ‘टर्निंग प्वाइंट’ भी थीा. मैंने पहला राउंड गंवा दिया था लेकिन अपना सबकुछ लगाकर वापसी कर जीत हासिल की.’’ ब्रिटिश प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ रणनीति के बारे में उन्होंने कहा,‘‘वह मुझसे काफी लंबा था और मुझे काफी आक्रामक होना पड़ा ताकि मुक्का मारने के लिए उनके करीब जा सकें.
विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता पंघल ने कहा, ‘‘मैंने पहले दो राउंड जीतने के लिये अच्छा किया. मुझे लगा कि वह अंतिम राउंड जीत गया लेकिन मैं तब तक उससे काफी आगे जा चुका था. पर वह काफी अच्छा प्रतिद्वंद्वी था. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे मेरा आस्ट्रेलिया में फाइनल में हारने का बदला चुकता हो गया. मैं जानता था कि यह काफी चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि मैं इंग्लैंड में उसके ही मुक्केबाज से लड़ रहा था. लेकिन जज निष्पक्ष और सटीक रहे.’’ इस मुकाबले में पंघल ने इतने जोर से पंच लगाए कि विरोधी की आंखों के ऊपर से खून निकलने लगा. जिसके बाद मैच रोकना पड़ा.
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