Anshuman Gaekwad Dies: दिग्गज भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का निधन, PM मोदी बोले - वे गिफ्टेड प्लेयर थे

Written By कुणाल किशोर | Updated: Aug 01, 2024, 02:36 AM IST

अंशुमान गायकवाड़ ब्लड कैंसर से पीड़ित थे.

Anshuman Gaekwad Passes Away: पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का निधन हो गया है. टीम इंडिया को कोचिंग दे चुके गायकवाड़ लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. उन्होंने 1975 से 1982 के बीच भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे खेले.

दिग्गज भारतीय क्रिकेटर और टीम इंडिया के कोच रह चुके अंशुमान गायकवाड़ का बुधवार रात निधन हो गया है. वो लंबे समय से ब्लड कैंसर से पीड़ित थे. वेस्टइंडीज के खूंखार तेज गेंदबाजों का डटकर सामना करने वाले धाकड़ ओपनर ने 71 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा. उनका पिछले महीने तक लंदन में इलाज चल रहा था, लेकिन ये दिग्गज बल्लेबाज कैंसर से जिंदगी की जंग हार गया. उन्होंने बड़ौदा में अंतिम सांस ली. अंशुमान गायकवाड़ ने 1975 से 1982 के बीच भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे खेले थे.

उनके इलाज के लिए हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 1 करोड़ रुपए की सहायता की थी. इसके अलावा 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्यों ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया था. उनके निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और BCCI सचिव जय शाह ने शोक जताया है.

पीएम मोदी ने X पर लिखा - "अंशुमान गायकवाड़ को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा. वे एक गिफ्टेड खिलाड़ी और एक बेहतरीन कोच थे. उनके निधन से बहुत दुख हुआ. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं हैं."

ऐसा रहा अंशुमान गायकवाड़ का करियर

अंशुमान गायकवाड़ ने 27 दिसंबर 1974 को कोलकाता ईडन गार्डंस में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था, जिसमें उन्होंने लोअर मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करते हुए पहली पारी में 36 और दूसरी पारी में 4 रन बनाए थे. 1984 में उन्होंने कोलकाता में ही अपना आखिरी टेस्ट खेला. इस मैच में उनकी एक बार ही बल्लेबाजी की बारी आई थी. तब उन्होंने पारी की शुरुआत करते हुए 18 रन बनाए थे.

टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने कुल 70 पारियां खेलीं, जिसमें 30.07 की औसत से 1985 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक और 10 अर्धशतक निकले. उनका बेस्ट स्कोर 201 रहा, जो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 671 मिनट क्रीज पर बिताते हुए बनाए थे. उस समय यह फर्स्ट क्लास क्रिकेट का सबसे धीमा दोहरा शतक था. ODI में उन्होंने 14 पारियों में 269 रन बनाए. 

अंशुमान गायकवाड़ ने क्रिकेट से संन्यास के बाद कोचिंग में करियर बनाया. वे 1997 से 2000 के बीच दो बार भारतीय टीम के कोच रहे. उनके पहले कोचिंग कार्यकाल के दौरान सचिन तेंदुलकर टीम के कप्तान थे. दूसरी बार वे मैच फिक्सिंग के विवादों के बीच कुछ समय के लिए कोच बने थे. तब कपिल देव ने इस पद से इस्तीफा दिया था और नए कोच का नाम फाइनल किया जा रहा था. उनकी कोचिंग में टीम इंडिया आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंची थी. हालांकि न्यूजीलैंड के हाथों खिताबी मुकाबला हार गई थी.


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