डीएनए हिंदी: हाल ही में खबर आई थी कि पाकिस्तानी क्रिकेटर्स की सैलरी बढ़ने वाली है. नए कॉन्ट्रैक्ट में खिलाड़ियों को मोटा पैसा मिलने की संभावनाओं के बावजूद पाकिस्तानी क्रिकेटर्स खुश नहीं हैं. क्रिकेटर्स का कॉन्ट्रैक्ट 30 जून को खत्म हो चुका है लेकिन वे अभी भी पीसीबी के नए कॉन्ट्रैक्ट से सहमत नहीं है. ये लोग बोर्ड की ज्यादा कमाई में हिस्सेदारी को लेकर बिफर गए हैं. खबरें हैं कि क्रिकेटर्स का मामला डिजिटल राइट्स को लेकर फंसा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक प्लेयर्स के डिजिटल राइट्स को लेकर सिंगापुर स्थित दो भारतीयों की अध्यक्षता वाली रारियो या ड्रीम स्पोर्ट्स जैसी कंपनियां ज्यादा पैसा दे रही है. ये कंपनियां खिलाड़ियों के खेल NFT की बिक्री के लिए अच्छी रकम दे रही हैं. प्लेयर्स की इच्छा है कि बोर्ड उन्हें बातचीत करने की आजादी दे या फिर अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा दे, जिसको लेकर पेंच बुरी तरह फंस गया है.
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डिजिटल राइट्स को लेकर बवाल
इस मामले में खिलाड़ियों का मानना है कि अन्य क्रिकेट बोर्ड या तो खिलाड़ियों के डिजिटल एनएफटी (नॉन-फंजिबल टोकन) की बिक्री में शामिल नहीं हैं या इस एवेन्यू से राजस्व के बंटवारे पर उनके साथ एक अच्छा समझौता है. बता दें कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड प्लेयर्स को उनके डिजिटल अधिकारों की बिक्री का हिस्सा देता है लेकिन प्लेयर्स के मुताबिक यह उनके लिए कम है. इसलिए वो डिजिटल राइट्स में ज्यादा हिस्सेदारी मांग रहे हैं.
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मोटा इजाफा, लेकिन फिर भी नहीं मान रहे क्रिकेटर्स
जानकारी है कि बोर्ड ने खिलाड़ियों को मनाने के लिए मैच फीस में मोटा इजाफा किया है. साथ ही कॉन्ट्रैक्ट की रकम भी डबल कर दी है लेकिन फिर भी क्रिकेटर्स कॉन्ट्रैक्ट से सहमत नहीं हैं. बता दें पीसीबी के लिए राहत की बात यह है कि सेट्रल कॉन्ट्रैक्ट न होने के बावजूद पाकिस्तानी टीम अफगानिस्तान के साथ आगामी वनडे सीरीज खेलने को तैयार है, जो कि 22 अगस्त से शुरू हो रही है.
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