डीएनए हिंदी: चीन के हांग्जो में आज एशियन गेम्स 2023 का रंगारंग कार्यक्रम के साथ उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया. टीम इंडिया की अगुवाई भारतीय हॉकी टीम की कप्तान हरमनप्रीत सिंह और महिला बॉक्सिंग खिलाड़ी लवलिना बॉर्गोहेन ने की. भारतीय दल ने उद्घाटन समारोह में अपनी पारंपरिक पोशाक पहनकर हांग्जो ओलंपिक स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम में प्रवेश किया. इस मैदान को 2018 में एक फुटबॉल मैदान के रूप में डिजाइन किया गया था, इसमें 80,000 दर्शकों तक बैठने की क्षमता है. एशियाई खेल 2023 के उद्घाटन समारोह के दौरान चीन की सांस्कृतिक विरासत और इसकी विकासशीलता का प्रदर्शन किया गया. भारत ने इस बार 655 सदस्यों का दल चीन भेजा है, जो एशियन गेम्स के इतिहास का सबसे सफल संस्करण बनाना चाहेंगे.
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इस बार भारत को सबसे ज्यादा एथलेटिक्स, शूटिंग और रेसिलिंग से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. 2018 एशियन गेम्स में भारत ने सबसे ज्यादा पदक एथलेटिक्स में जीते थे, जिसमें नीरज चोपड़ा को गोल्ड मेडल शामिल था. दूसरे स्थान पर शूटिंग रहा था और भारतीय पहलवानों ने भी निराश नहीं किया. बजरंग पूनिया और दीपक पुनिया से जहां कुश्ती में पदक की उम्मीद होगी वहीं शूटिंग में कई निशानेबाज हैं तो भारत को गोल्ड दिला सकते हैं. मनू भाकर से देश को सबसे ज्यादा उम्मीदें होंगी.
शूटर्स अपना इतिहास बदलने हांग्जो में उतरेंगे
विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करने वाल भारतीय शूटर्स को एशियन गेम्स में कोई भी कम नहीं आंकना चाहेगा. भारत ने विश्व चैंपियनशिप में छह स्वर्ण और आठ कांस्य सहित 14 पदक जीते लेकिन एशियाई खेलों में देश के निशानेबाजों का प्रदर्शन उनकी क्षमता के मुताबिक नहीं रहा है. चार साल में एक बार होने वाले इन खेलों के शुरू होने के साथ ही एक बार फिर से निशानेबाजी दल से काफी उम्मीदें होगी. इंडोनेशिया (जकार्ता और पालेमबांग) में 2018 सत्र में भारत ने दो स्वर्ण और चार रजत सहित नौ पदक हासिल किये थे और टीम इस संख्या को बेहतर करना चाहेगी. पिछले आयोजन में इन खेलों में शानदार प्रदर्शन करने वाले सौरभ चौधरी और राही सरनोबत जैसे निशानेबाज इस बार भारतीय दल का हिस्सा नहीं हैं.
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भारतीय दल के ज्यादातर निशानेबाज पहली बार इन खेलों का हिस्सा बनेंगे. विश्व चैंपियन 10 मीटर एयर राइफल निशानेबाज रुद्राक्ष पाटिल, ईशा सिंह, सिफ्ट कौर समरा और आशी चौकसे टीम में सबसे प्रतिभाशाली संभावनाओं में से एक हैं. इन सभी निशानेबाजों के पास स्वर्ण पदक पर निशाना साधने की क्षमता है लेकिन इसके लिए उन्हें चीन की चुनौती से पार पाना होगा. इन से सबसे ज्यादा उम्मीदें महाराष्ट्र के निशानेबाज रुद्राक्ष से होगी. इस 19 साल के निशानेबाज ने विश्व चैम्पियनशिप के स्वर्ण के साथ 2024 ओलंपिक का कोटा भी हासिल कर लिया है.
अंजुम और मनू भी पदक की दावेदार
ओलंपियन दिव्यांश सिंह पंवार और युवा ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर भी अपनी छाप छोड़ने को तैयार हैं. सिफ्ट ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन्स में अनुभवी अंजुम मौदगिल को लगातार चुनौती दी है. स्वप्निल कुसाले ने पिछले साल काहिरा में पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया जबकि ऐश्वर्य और अखिल श्योराण भी इस वर्ग में एशिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल हैं. इक्कीस साल की मनू ने पिछले एशियाई खेलों में तीन स्पर्धाओं में चुनौती पेश की थी लेकिन दिव्या टीएस, ईशा सिंह और पलक जैसे निशानेबाजों ने चयन ट्रायल में इस अनुभवी खिलाड़ी को पछाड़ दिया. मनु इन खेलों में सिर्फ 25 मीटर पिस्टल में भाग लेंगी.
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