डीएनए हिंदी: महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी का सोमवार, 23 अक्टूबर को निधन हो गया. वह 77 साल के थे. भारतीय क्रिकेट इतिहास में बाएं हाथ के सबसे बड़े स्पिनर के रूप में अपनी पहचान बना गए बेदी लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. उनके निधन की खबर सुन पूरा क्रिकेट जगत शोक में डूब गया है. बेदी के करीबी दोस्त पाकिस्तानी दिग्गज इंतिखाब आलम को जब यह खबर मिली, वह सुन्न रह गए. उन्होंने कहा, "मैं मर्माहत हूं. मैंने अपने दिल का टुकड़ा खो दिया. मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं. मैंने एक दोस्त, एक छोटा भाई खो दिया है."
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बेदी और इंतिखाब के बीच गहरी दोस्ती थी. पिछले साल करतारपुर में आखिरी बार दोनों मिले थे. इस मुलाकात को याद कर इंतिखाब ने कहा, "पिछले साल इसी समय हम करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में मिले थे. उसने मुझे Louis Armstrong का गाना गाने के लिए कहा. मेरा हाथ थामा, हम मुस्कुराए, हम रोए. वह मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत पल में से एक था. मुझे अब भी उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा याद है, जब उसने सीमा पार करते समय हमें हाथ हिलाकर अलविदा कहा था."
अपनी दोस्ती के खूबसूरत किस्सों को याद कर इंतिखाब ने कहा, "खुदा हाफिज दोस्त. मेरे लिए एक रेड वाइन का ग्लास तैयार रखना, जल्द ही मिलते हैं."
इंतिखाब और बेदी की दोस्ती 1971 में शुरू हुई थी. दोनों की मुलाकात इंग्लैंड में एक मैच के दौरान हुई थी. इंतिखाब काउंटी टीम सरे के लिए खेल रहे थे और बेदी भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड के दौरे पर गए थे. पहले इंग्लैंड के दौरे पर जाने वाली टीमें एक-दो मैच काउंटी टीम से भी खेला करती थी. इसी सिलसिले में भारत का मुकाबला सरे से था. बेदी की गेंद पर जब इंतिखाब ने दो-तीन छक्के मारे तो बेदी ने उनसे कहा, "कप्तान जी दूसरे भी बॉलर हैं. मुझे बख्स दो, मेरे पीछे क्यों पड़ गए?" यहां से दोनों की गहरी दोस्ती की शुरुआत हुई.
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