डीएनए हिंदी: मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) की वर्ल्डक क्रिकेट कमेटी (World Cricket Committee) ने कहा कि नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़े बल्लेबाज को आउट करने पर किसी भी गेंदबाज को विलेन नहीं कहा जा सकता है. विश्व क्रिकेट समिति ने सभी एज ग्रुप लेवल स्तर के क्रिकेट में इस तरीके से आउट होने के तरीके को सामान्य करने की कोशिश में यह बात कही. डब्ल्यूसीसी ने इस विवादित मुद्दे पर ‘संयम’ बनाये रखने की भी बात कही क्योंकि कुछ पूर्व क्रिकेटर अब भी मानते हैं कि इस तरह बल्लेबाज को रन आउट करना खेल भावना के खिलाफ है.
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आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद नियम बना चुका है कि इसे ‘रन आउट’ माना जाएगा. खेल के नियम बनाने वाली एमसीसी ने पिछले महीने नियम 38.3 में बेहतर स्पष्टता प्रदान करने और गलतफहमियों को दूर करने के लिये बदलाव किए. डब्ल्यूसीसी में कुमार संगकारा, सौरव गांगुली, जस्टिन लैंगर, एलिस्टेयर कुक जैसे खिलाड़ी हैं जिसके चेयरमैन माइक गैटिंग हैं.
इस कमेटी ने माना कि नॉन स्ट्राइकर छोर पर क्रीज से आगे खड़े खिलाड़ी को रन आउट करना नियमों के अंतर्गत है.
बिना वॉर्निंग के आउट कर सकते हैं गेंदबाज
एमसीसी ने गुरूवार को एक बयान में कहा, ‘‘सबसे अहम कारक यही है कि इस तरह के आउट होने के तरीके पर एक सरल तरीके से सभी तरह के संदेह और विवादों को खत्म किया जा सकता है कि नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़ा खिलाड़ी नियमों का पालन करे और अपनी क्रीज के अंदर तब तक बना रहे जब तक गेंदबाज के हाथ से गेंद फेंकी नहीं जाये.’’ वे इस बात पर भी सहमत थे कि गेंदबाज को बल्लेबाज को कोई चेतावनी देने की आवश्यकता नहीं है जिससे पुष्टि होती है कि उनके पास नियम तोड़ने वाले बल्लेबाज को उसी समय आउट करने का अधिकार है.’’
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