क्रिकेट के नियमों में बड़ा बदलाव, स्टंपिंग रेफरल का गलत फायदा उठाने पर ICC ने कसी नकेल

Written By कुणाल किशोर | Updated: Jan 04, 2024, 10:40 AM IST

नए साल में क्रिकेट के नियमों में कई बदलाव देखने को मिलेंगे

नए साल में क्रिकेट के नियमों में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. सबसे महत्वपूर्ण बदलाव स्टंपिंग रेफरल का है.

डीएनए हिंदी: नए साल में क्रिकेट के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है. हालांकि इनमें से कुछ नियमों में बदलाव का आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं हुआ है. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने एक ऐसे नियम में सुधार किया है, जिसका खिलाड़ी गलत फायदा उठाते थे. दरअसल, स्टंपिंग की अपील कर टीमें बिना डीआरएस का उपयोग किए Caught Behind (विकेट के पीछे कैच) भी चेक करवा लेती थीं. इस पर आईसीसी ने कड़ा कदम उठाया है. क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, अब से स्टंपिंग की अपील पर सिर्फ साइड-ऑन रिप्ले ही देखा जाएगा. विकेटकीपर का कैच नहीं चेक होगा.

स्टंपिंग रेफरल का नियम बदला

अब अगर स्टंपिंग की अपील होती है और स्क्वायरलेग अंपायर इसे थर्ड अंपायर के पास रेफर कर देता है तो पूरा फोकस साइड ऑन रिप्ले पर होगा. यानी सिर्फ स्टंपिंग ही चेक किया जाएगा. इससे ये होगा कि फील्डिंग टीम आउट के दूसरे तरीकों (जैसे - विकेट के पीछे कैच) के लिए बिना प्लेयर रिव्यू लिए, फ्री रिव्यू का फायदा नहीं उठा पाएगी.

स्टंपिंग रेफरल में पहले क्या होता था?

इससे पहले स्टंपिंग की अपील थर्ड अंपायर के पास रेफर किए जाने पर सबस पहले कॉट बिहाइंड यानी विकेटकीपर कैच चेक किया जाता था. देखा जाता था कि गेंद, बल्ले को छूकर गई है या नहीं. उसके बाद स्टंपिंग की जांच होती थी. इसका खिलाड़ी गलत फायदा उठा रहे थे. अक्सर स्टंपिंग की अपील कर कॉट बिहाइंड चेक करवा रहे थे.

कब देखा गया ऐसा?

पिछले साल घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने कई बार ऐसा किया. विकेटकीपर ऐलेक्स कैरी और ऑस्ट्रेलियाई टीम ने स्टंपिंग की अपील की, जिसके परिणामस्वरूप डीआरएस का इस्तेमाल किए बिना उन्होंने कॉट बिहाइंड भी चेक करवाया. अब से फाल्डिंग टीम को विकेट के पीछे कैच की जांच करवाने के लिए रिव्यू लेना पड़ेगा, क्योंकि स्टंपिंग अपील में सिर्फ साइड ऑन रिप्ले ही देखा जाएगा. नया नियम 12 दिसंबर 2023 से लागू हो गया है.

ये नियम भी बदले

कन्कशन रिप्लेसमेंट - अगर कन्कशन खिलाड़ी को बॉलिंग करने से सस्पेंड कर दिया गया था, तो उसके रिप्लेसमेंट खिलाड़ी को गेंदबाजी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

ऑटो नो-बॉल - अब थर्ड अंपायर फ्रंट फुट के अलावा सभी प्रकार के फुट फॉल्ट नो-बॉल की जांच कर सकेगा.

ऑन फील्ड चोट के ट्रीटमेंट के लिए 4 मिनट का समय  - अगर मैदान पर किसी खिलाड़ी को चोट लगती है, तो उसके देखभाल और ट्रीटमेंट के लिए अधिकतम 4 मिनट का समय दिया जाएगा.

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