डीएनए हिंदी: महान भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है. उनकी उम्र 77 साल की थी. भारत के लिए लगभग 12 साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले बेदी ने कुल 273 विकेट झटके थे. उन्होंने टीम इंडिया के लिए 67 टेस्ट और 10 वनडे खेले थे. 22 टेस्ट मैचों में उन्होंने भारत की कप्तानी भी की थी. बेदी ने अपने पूरे फर्स्ट क्लास कैरियर में 1560 विकेट लिए थे. इसके आसपास कोई भी भारतीय गेंदबाज नहीं पहुंच पाया है.
20 साल की उम्र में किया था टेस्ट डेब्यू
बेदी का जन्म 25 सितंबर 1946 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. उन्होंने सिर्फ 20 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया था. 1966-67 में उन्होंने ईडन गार्डंस में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. अपने पहले टेस्ट में बेदी ने 2 विकेट लिए थे.
भारत की मशहूर स्पिन चौकड़ी की अगुवाई की
टेस्ट डेब्यू में बेदी का प्रदर्शन भले ही उम्मीद के मुताबिक नहीं था, लेकिन वह जल्द ही भारत के स्पिन डिपार्टमेंट के अगुवा बन गए. उन्होंने मशहूर स्पिन चौकड़ी बनाई. इस चौकड़ी में बेदी के अलावा इरापल्ली प्रसन्ना, श्रीनिवास वेंकटराघवन और भागवत चंद्रशेखर थे. चारों ने मिलकर भारत के लिए 231 टेस्ट खेले थे और आपस में 853 विकेट बांटे.
अपने खिलाड़ियों के लिए लड़ बैठे थे बेदी
बाएं हाथ से सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक बेदी अपनी आक्रामक कप्तानी के लिए जाने जाते थे. एक ऐसा कप्तान, जिसने वेस्टइंडीज जैसी खूंखार टीम को उन्हीं की धरती पर धूल चटाई थी. 1976 में भारतीय टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर गई हुई थी. उस समय वेस्टइंडीज की क्रिकेट जगत में तूती बोलती थी. उस टीम के सामने बेदी की अगुवाई में भारत ने टेस्ट मैच जीतकर सनसनी मचा दी थी. यह सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच था.
वेस्टइंडीज ने अगले टेस्ट में बदला लेने की ठान ली. उन्होंने अपने तूफानी गेंदबाजों से भारतीय खिलाड़ियों के शरीर को निशाना बनाने का प्लान बनाया. टेस्ट मैच शुरू हुआ और भारत के 3 बल्लेबाज बुरी तरह से चोटिल हो गए. पहली पारी में ओपनर अंशुमन गायकवाड़, गुंडप्पा विश्वनाथ और बृजेश पटेल को गंभीर चोट लगी. दूसरी पारी में भारत ने 4 विकेट पर 97 रन बना लिए थे. चोटिल हुए तीनों खिलाड़ी बल्लेबाजी के लिए नहीं आ सकते थे. ऐसे में कप्तान बेदी ने सिर्फ 12 रन की बढ़त होने के बावजूद पारी घोषित कर दिया. वेस्टइंडीज ने आसानी से मैच जीत लिया, लेकिन बेदी ने पारी घोषित करके उदाहरण पेश किया.
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