डीएनए हिंदी: टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने यशस्वी जायसवाल को लेकर बड़ा बयान दिया है. गंभीर ने कहा कि यशस्वी की उपलब्धियों को बढ़ा चढ़ाकर पेश नहीं करना चाहिए. उनका यह बयान विशाखापट्टनम टेस्ट में यशस्वी के दोहरे शतक के बाद आया है. 22 वर्षाय यशस्वी का यह महज छठा ही टेस्ट मैच है और उन्होंने डबल सेंचुरी ठोक दी है. वह टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले भारत के तीसरे सबसे युवा बल्लेबाज बने हैं.
गंभीर का मानना है कि खिलाड़ियों को हीरो बना देने से उन पर दबाव बढ़ जाता है और वह अपना नैसर्गिक खेल नहीं खेल पाते हैं. उन्होंने पीटीआई से कहा, "मैं इस युवा खिलाड़ी को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई देना चाहता हूं, लेकिन सबसे अहम बात है कि मैं सभी को बताना चाहता हूं कि युवा खिलाड़ी को खेलने दें. हमने पहले भी देखा है कि भारत में हमारी आदत होती है, विशेषकर मीडिया में कि वे खिलाड़ियों की उपलब्धियों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करते हैं और उन्हें टैग दे देते हैं और उन्हें नायक के समान पेश करते हैं."
गंभीर ने आगे कहा, "इससे उम्मीदों का दबाव बढ़ जाता है और खिलाड़ी अपना नैसर्गिक खेल नहीं खेल पाते. उसे बढ़ने दीजिये और अपने क्रिकेट का लुत्फ उठाने दीजिए." यह भी पढ़ें: टेस्ट मैच में चल रहा मुकाबला, यहां इंग्लैंड की क्रिकेट टीम को भारतीय टीम ने 3-1 से रौंद दिया
यशस्वी भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में टीम इंडिया की ओर से सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे. उन्होंने 209 रनों की पारी खेली. जिसकी बदौलत मेजबान टीम 396 के स्कोर तक पहुंच सकी. भारत की ओर से दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर 34 का रहा, जो शुभमन गिल ने बनाए. हालांकि शुरुआत मिलने के बाद एक बार फिर वह बड़ी पारी नहीं खेल सके. यह हाल बाकी बल्लेबाजों का भी रहा. श्रेयस अय्यर भी सेट होकर आउट हुए. गिल और अय्यर की टेस्ट टीम में जगह को लेकर सवाल उठ रहे हैं. दोनों ही बल्लेबाज लंबे समय से कोई बड़ी पारी नहीं खेल सके हैं. गंभीर का मानना है कि उन्हें समय दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, "हमें उन्हें समय देना चाहिए क्योंकि वे बेहतरीन खिलाड़ी हैं और उन्होंने अपने पिछले प्रदर्शन से यह दिखाया भी है. इसलिए ही वे भारत के लिए खेल रहे हैं."
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