'मैं पॉलिटिशियन के बेटे पर चिल्लाया', Hanuma Vihari ने Ranji Trophy के दौरान छिनी कप्तानी पर तोड़ी चुप्पी

Written By मोहम्मद साबिर | Updated: Feb 27, 2024, 10:46 AM IST

Hanuma Vihari Controversy

Hanuma Vihari को Ranji Trophy में आंध्र प्रदेश की कप्तानी से इस्तीफा देना पड़ा है, जिसके बाद उन्होंने इसको लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने ये भी बताया है कि उन्हें ऐसा करने को क्यों कहा गया है.

भारतीय स्टार क्रिकेटर हनुमा विहारी ने कुछ समय पहले आंध्र प्रदेश क्रिकेट टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने रणजी ट्रॉफी 2023-24 सीरीज के दौरान ही यह कदम उठा लिया था. हनुमा ने अपने इस्तीफे का कारण बताते हुए कहा है कि उन्हें टीम की कप्तानी इसलिए छोड़नी पड़ी क्योंकि वह मैच के दौरान एक खिलाड़ी पर चिल्लाए थे और उस खिलाड़ी के पिता एक नामी गिरामी राजनीतिज्ञ हैं इसलिए उनपर टीम की कप्तानी छोड़ने का दवाब बढ़ गया था.

हनुमा विहारी ने यह भी कहा है कि वह अब आंध्र प्रदेश के लिए अब कभी क्रिकेट नहीं खेलेंगे. बता दें कि सोमवार को क्वार्टर फाइनल में 4 रनों से हार के बाद टीम रणजी ट्रॉफी से बाहर हो गई है. 


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अपने ऊपर लग रहे आरोपों का खंडन करते हुए हनुमा विहारी ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट भी लिखी है. उन्होंने लिखा, "हमने आखिरी तक संघर्ष किया है, लेकिन हम सफल नहीं हो पाए. क्वार्टर फाइनल हारने से मैं काफी निराश हूं." 

उन्होंने आगे लिखा, "मेरी ये पोस्ट कुछ तथ्यों को लेकर है जिसे मैं सबके सामने लाना चाहता हूं. उन्होंने आगे लिखा," मैं बंगाल के खिलाफ पहले मैच में कप्तानी कर रहा था. उस दौरान कुछ गलतियों पर एक खिलाड़ी पर मैं चिल्लाया था, उस खिलाड़ी के पिता पॉलिटिशयन है. तभी उसने उनसे मेरी शिकायत कर दी. उसके पिता के कहने के बाद ही एसोसिएशन ने मेरे खिलाफ कार्रवाई की. मुझे बिना किसी गलती के कप्तानी पद से इस्तीफा देना पड़ा."

उन्होंने आगे कहा "मैंने कभी भी किसी को व्यक्तिगत तौर पर कुछ भी नहीं कहा है. मैंने पिछले साल अपना शरीर दांव पर लगा दिया था और बाएं हाथ से बल्लेबाजी की थी. मैंने पिछले 7 सालों में टीम को 5 बार नॉकआउट तक ले गया. भारत के लिए भी मैंने 16 टेस्ट मैच खेले हैं. मुझे काफी शर्मिंदगी महसूस हुई, लेकिन मैंने सिर्फ इस लिए आगे खेलना जारी रखा, क्योंकि मैं खेल और टीम का सम्मान करता हूं. ये काफी दुख की बात है कि एसोसिएशन का मानना ​​है कि खिलाड़ी जो भी कहते हैं उन्हें सुनना पड़ता है और खिलाड़ी उनकी वजह से ही वहां हैं.

मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा- विहारी

उन्होंने आगे कहा, मैंने ये फैसला लिया है कि मैं आंध्र के लिए आगे नहीं खेलूंगा, जहां मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है. हालांकि मुझे टीम से प्यार है, लेकिन एसोसिएशन नहीं चाहती है कि हम साथ में आगे बढ़ें."

बता दें कि विहारी की पोस्ट में फैंस लगातार उस खिलाड़ी का नाम पूछने लगे हैं, जिसकी वजह से ये सब कुछ हुआ है. वहीं तोड़ी देर बाद उस खिलाड़ी यानी पृध्वीराज ने भी विहारी के दावे पर रिएक्ट किया है.

विहारी के दावे पर पृध्वीराज ने किया रिएक्ट

पृध्वीराज ने अपनी स्टोरी पर लिखा, "हैलो, जिसे आप सभी कमेंट बॉक्स में सर्च कर रहे हैं, वो मैं ही हूं. आपने जो कुछ भी सुना है, वो एक झूठ है. कोई भी खेल से बड़ा नहीं है और मेरा आत्मसम्मान सबसे बढ़कर है. पर्सनल और अभद्र भाषा बिल्कुल भी स्वीकार नहीं की जाएगी. उस दिन क्या हुआ है टीम का हर खिलाड़ी अच्छे से जानता है."

हालांकि हनुमा विहारी ने राज के रिएक्शन आने के बाद अपना जवाब दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक चिठ्ठी शेयर की है, जिसमें अन्य खिलाड़ियों की साइन भी है. 

चिठ्ठी में लिखा, एक प्लेयर ने शिकायत की है कि विहारी ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया है और आक्रमक तरह से अप्रोच किया है. लेकिन ये बिल्कुल भी सच नहीं है. टीम में इस तरह की भाषा बहुत समान्य है. ऐसा टीम का बेस्ट निकालने के लिए अक्सर किया जाता है. लेकिन एक खिलाड़ी ने इसे खुद पर ले लिया है. सभी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ इस बात की गवाह है. हम चाहते हैं कि विहारी ही हमारे कप्तान बनें रहे है.

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