डीएनए हिंदी: सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) भारत के सफलतम और लोकप्रिय फुटबॉलर में से एक माने जाते हैं. वह टीम की कप्तानी भी करते हैं और बेंगलुरु एफसी के भी कप्तान हैं. बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि छेत्री के पिता भी एक फुटबॉलर रहे हैं और उनकी मां ने भी नेपाल के लिए फुटबॉल खेला है. सुनील के नाम अंतर्राष्ट्रीय गोल का रिकॉर्ड है और इस मामले में लियोनेल मेसी भी उनसे पीछे हैं. छेत्री के नाम कुल 84 गोल हैं और वह लियोनेल मेसी और महान फुटबॉलर पेले जैसे स्टार्स से भी आगे हैं.
फुटबॉलर नहीं बनना चाहते थे छेत्री
सुनील छेत्री के बारे में एक दिलचस्प बात कम ही लोगों को पता है कि वह कभी पेशेवर फुटबॉलर नहीं बनना चाहते थे. छेत्री ने खुद स्वीकार किया है कि वह शौकिया तौर पर फुटबॉल खेलते थे ताकि किसी अच्छे कॉलेज में स्पोर्ट्स कोटे से एडमिशन हो जाए.
सुनील के पिता आर्मी में थे और उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने का मौका मिला था. फुटबॉल उन्होंने शौकिया खेलना शुरू किया था लेकिन उनके शुरुआती कोच ने उन्हें फुटबॉलर बनने के लिए प्रेरित किया था.
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सुनील छेत्री की 5 बड़ी उपलब्धियां
1) भारत के टॉप गोल स्कोरर हैं, 84 गोल का रिकॉर्ड
2) अंतर्राष्ट्रीय गोल स्कोरिंग चार्ट में छेत्री पांचवें नंबर पर हैं
3) स्टार फुटबॉलर को विरासत में मिली है खेल प्रतिभा, मां-पिता दोनों फुटबॉलर रह चुके हैं
4) साल 2019 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था
5) 2021 में खेल रत्न मिला था और 2011 में अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था.
(आंकड़ों में भविष्य में बदलाव हो सकता है)
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कभी फैंस के सामने हो गए थे भावुक
सुनील छेत्री भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता के लिए लगातार काम करते रहे हैं. एक इमोशनल वीडियो जारी करके उन्होंने फैंस से अपील की थी कि फुटबॉल मैच देखने के लिए स्टेडियम जरूर पुहुंचे. उनके इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया था.
छेत्री उन खिलाड़ियों में से हैं जो देश में स्पोर्ट्स संस्कृति की बात करते हैं. 37 साल के इस फुटबॉलर की फिटनेस युवा खिलाड़ियों को मात देती है और वह रोज एक्सरसाइज, प्रैक्टिस के साथ अपनी डाइट का खास ख्याल रखते हैं.
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