डीएनए हिंदी: किसी भी सफल व्यक्ति की जिंदग में गुरु या शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की जिंदगी में भी उनके कोच रमाकांत आचेरकर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी. इस बात का जिक्र उन्होने कई इंटरव्यू और अपनी किताब में भी किया है. दुनिया भर में कई अवॉर्ड जीत चुके सचिन के लिए अपने गुरु से मिला एक रुपया हमेशा ही बहुत खास रहा है. क्या है गुरु से मिलने वाले इस इनाम की पूरी कहानी, जानें यहां.
सचिन को आचेरकर इनाम में देते थे एक रुपया
सचिन ने अपनी फिल्म में बताया है कि उनके गुरु रमाकांत आचेरकर उन्हें हर अच्छी पारी खेलने पर एक रुपया इनाम में देते थे. सचिन का कहना है कि आचेरकर सर को पता था कि मुझे नाश्ते में वड़ा पाव बहुत पसंद है. मैं जब भी अच्छी पारी खेलता था तो वह मझे इनाम में एक रुपया देते थे.
सचिन ने बताया कि उनके लिए आज भी वह एक रुपया और वड़ा पाव ही उनका पसंदीदा नाश्ता है. मास्टर ब्लास्टर ने बताया कि मैं आलीशान होटलों में रुका हूं और नाश्ते में दुनिया भर की बेहतरीन डिश मेरी टेबल पर मौजूद रही है लेकिन मेरे लिए हमेशा वह एक रुपया सबसे खास रहा है. आज भी वड़ा पाव ही मेरा पसंदीदा नाश्ता रहा है.
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कौन थे सचिन के गुरु रमाकांत आचेरकर
सचिन के कोच रमाका्ंत आचेरकर देश के दिग्गज क्रिकेट कोच थे. मुंबई के पास दादर में वह शिवाजी क्रिकेट एकेडमी चलाते थे और मुंबई क्रिकेट असोसिएशन के चयनकर्ता भी रहे थे. उनकी कोचिंग से मुंबई के कई क्रिकेट खिलाड़ी निकले लेकिन सबसे मशहूर शिष्य सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली रहे.
क्रिकेट और कोचिंग में उनके बेहतरीन योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें द्रोणाचार्य अवॉर्ड और पद्मश्री के सम्मान से भी नवाजा था. दो जनवरी 2019 को उनका निधन मुंबई में हुआ था. उनके अंतिम संस्कार में खुद मास्टर ब्लास्टर भी शामिल हुए थे.
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