डीएनए हिंदी: जिंबाब्वे के पूर्व क्रिकेट कप्तान हीथ स्ट्रीक का निधन हो गया है. 49 साल के हीथ स्ट्रीक लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे और रविवार को उन्होंने आखिरी सांस ली. उनकी पत्नी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट करके इसकी पुष्टि की है. कुछ दिन पहले भी अफवाह उड़ गई थी कि हीथ स्ट्रीक का निधन हो गया. हीथ स्ट्रीक अपने समय के धाकड़ गेंदबाद थे और वह बैटिंग में भी वह कमाल दिखाते थे. क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कई नेशनल टीम में कोचिंग भी की. साल 2021 में आईसीसीसी ने भ्रष्टाचार के आरोपों में हीथ स्ट्रीक पर 8 साल का बैन लगा दिया था.
जिंबाब्वे की तरफ से 1993 से लेकर 2005 तक 65 टेस्ट और 189 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलने वाले स्ट्रीक लंबे समय से लीवर कैंसर से जूझ रहे थे. स्ट्रीक की पत्नी नादिन ने फेसबुक पर लिखा, 'आज सुबह रविवार यानी 3 सितंबर 2023 को तड़के मेरे जीवन के सबसे खास प्यार और मेरे खूबसूरत बच्चों के पिता को उनके घर से एन्जिल्स के साथ ले जाया गया. वह अपने घर में थे जहां वह अपने परिवार और निकटतम प्रियजनों के साथ अपने आखिरी दिन बिताना चाहते थे.'
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पत्नी ने लिखा प्यारा मैसेज
नादिन ने कहा, 'वह प्यार और शांति से सराबोर थे और वह अकेले नहीं निकले. स्ट्रीकी हमारी आत्माएं अनंत काल के लिए एक हो गई हैं. जब तक कि मैं तुम्हें फिर से अपने आगोश में नहीं भर लेती.' जिंबाब्वे के पूर्व तेज गेंदबाज हेनरी ओलोंगा ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर स्ट्रीक के निधन की घोषणा की थी लेकिन अपने पूर्व कप्तान से संदेश मिलने के बाद उन्होंने कुछ घंटों में ही इसका खंडन कर दिया था. हालांकि, तब तक कई पूर्व क्रिकेटरों ने अपने शोक संदेश जारी कर दिए थे.
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ओेलोंगा ने रविवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'RIP स्ट्रीकी.' स्ट्रीक ने टेस्ट क्रिकेट में 216 विकेट लिए और बल्लेबाजी में 1990 रन बनाए जिसमें एक शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने 189 वनडे में 239 विकेट हासिल किए और 13 अर्धशतकों की मदद से 2943 रन बनाए. वह टेस्ट और वनडे में जिंबाब्वे की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. स्ट्रीक ने 68 वनडे में कप्तानी की जिनमें से जिंबाब्वे ने 18 मैचों में जीत दर्ज की जबकि 47 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा. तीन मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला.
2004 में छोड़ दी थी कप्तानी
स्ट्रीक ने 21 टेस्ट मैचों में भी जिंबाब्वे की कप्तानी की, जिनमें से चार मैचों में उन्हें जीत मिली जबकि 11 मैचों में हार का सामना करना पड़ा. छह मैच ड्रॉ समाप्त हुए. जिंबाब्वे में जब तानाशाह रॉबर्ट मुगाबे का शासन चलता था तब स्ट्रीक की हेनरी ओलोंगा और एंडी फ्लावर की तरह कड़ा राजनीतिक रवैया नहीं अपनाने के लिए आलोचना की गई थी. जिंबाब्वे की टीम जब चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही थी तब स्ट्रीक ने अप्रैल 2004 में कप्तानी छोड़ दी थी. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह जिंबाब्वे सहित कई टीमों के कोच रहे.
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बांग्लादेश के गेंदबाजी कोच रहने के बाद वह अपनी राष्ट्रीय टीम से इसी भूमिका में जुड़े थे. स्ट्रीक उत्तर प्रदेश की टीम से भी जुड़े रहे और इसके अलावा उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स और गुजरात लायंस के साथ भी काम किया. उन्हें 2016 में डेव वाटमोर की जगह जिंबाब्वे का मुख्य कोच बनाया गया था लेकिन उनके रहते हुए टीम विश्व कप 2019 के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने अप्रैल 2021 में आईसीसी भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के उल्लंघन के आरोप में उन पर आठ साल का प्रतिबंध लगा दिया था. स्ट्रीक ने आईसीसी संहिता के उल्लंघन की पूरी जिम्मेदारी ली थी लेकिन उन्होंने कहा था कि वह किसी मैच को फिक्स करने में शामिल नहीं थे.
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