क्रिकेट का सबसे छोटा फॉर्मेट, एक ओवर में डाली जाती हैं 8 गेंद, 31 रन बनाते ही छोड़नी होती है क्रीज

विवेक कुमार सिंह | Updated:Jul 28, 2022, 08:46 AM IST

क्रिकेट का सबसे अनोखा फॉर्मेट हांगकांग में खेला जाता है, जहां 11 की बजाय 6 खिलाड़ी मैदान पर उतरते हैं. 31 रन या 6 छक्के लगाते ही बल्लेबाज़ को पवेलियन लौटना होता है.

डीएनए हिंदी: क्रिकेत का इतिहास बहुत पुराना है. माना जाता है कि 1550 से क्रिकेट को खेला जा रहा है. हालांकि 1844 में पहली बार दो देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला गया. उसके बाद से लेकर अब तक क्रिकेट के फॉर्मेट और नियमों में कई बदलाव हो चुके हैं. सबसे पहले टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत हुई. तब 6 दिन में एक मैच खेला जाता था. उसके बाद एक दिन में परिणाम निकालने वाला फॉर्मेट आया और फिर चार घंटे में मैच होने वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सबसे छोटा फॉर्मेट आया.

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हालांकि कई जगह अलग-अलग तरह से क्रिकेट खेला जाता है लेकिन ICC की ओर से मान्यता प्राप्त नहीं है. एक ऐसा ही अनोखा क्रिकेट हांग कांग में खेला जाता है, जिसमें कई दिग्गज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स अपनी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस टूर्नामेंट को पहली बार 1996 में खेला गया था. कोवलून क्रिकेट क्लब द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट का आयोजन हांग कांग क्रिकेट स्टेडियम में किया जाता है.

शोएब मलिक ने लिए थे सबसे ज्यादा विकेट

इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, भारत, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, हांग कांग, न्यूज़ीलैंड और ऑल स्टार की टीम हिस्सा ले चुकी हैं. हर बार कम से कम 8 टीमों खेलती नजर आती हैं, जिसका आखिरी संस्करण साल 2017 में आयोजित किया गया था. पाकिस्तान के उमर अकमल एक सीजन में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं, तो दक्षिण अफ्रीका के लियाल मेयर, गेराल्ड ड्रोस, हांग कांग के इरफान अहमद और पाकिस्तान के शोएब मलिक एक टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट हासिल करने वाले खिलाड़ी हैं.

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पहली  बार वेस्टइंडीज ने भारत को हराकर खिताब जीता था, तो आखिरी टूर्नामेंट के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तान को हराया था. इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम पाकिस्तान रही है, जिसने सबसे अधिक 10 बार फाइनल खेला है और 5 बार खिताब पर कब्जा किया है. भारत ने आखिरी बार साल 2012 में इस टूर्नामेंट में भाग लिया था. साल 2009 में अनील कुंबले की कप्तानी में भारतीय टीम पहले दौर में सिर्फ श्रीलंका को हराने में कामयाब रही थी और ग्रुप दौर से आगे नहीं बढ़ पाई थी.

ओवर में डाली जाती है 8 गेंद

सबसे अनोखी बात ये है कि इस टूर्नामेंट के फाइनल मुक़ाबले में एक ओवर में गेंदबाज़ को 8 गेंद फेंकनी होती है. जबकि किसी भी मैच में 31 रन या 6 छक्के लगाते ही बल्लेबाज़ को मैदान छोड़ना पड़ता है. एक टीम से सिर्फ 6 बल्लेबाज ही मैदान पर उतर सकते हैं और 5 विकेट गिरते ही टीम ऑलआउट नहीं होती है, क्योंकि आउट होने वाला पांचवां बल्लेबाज़ रनर की भूमिका निभाता है. सबसे अहम बात ये  है कि विकेट कीपर को छोड़कर टीम के सभी खिलाड़ियों को एक एक ओवर करना होता है. वाइड और नो बॉल के लिए दो रन दिए जाते हैं.

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