डीएनए हिंदी: राजकोट में ऑस्ट्रेलिआ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 352 रन का स्कोर खड़ा किया तो ज्यादातर फैंस और क्रिकेट के जानकारों को उम्मीज थी कि रोहित शर्मा एंड कंपनी ये लक्ष्य हासिल कर लेगी. वजह थी विराट कोहली को चेज पसंद है. हालांकि इस मैच में वह अर्धशतक पूरा करने के बाद आउट हो गए. रोहित शर्मा भी अच्छी शुरुआत के बाद बैटिंग पिच पर बड़ी पारी नहीं खेल सके और 81 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद न श्रेयस अय्यर चले ना राहुल का बल्ला चला. सूर्या और जडेजा भी कुछ खास नहीं कर सके और भारत 66 रन से मुकाबला हार गया. इस हार ने भारतीय टीम की वर्ल्डकप की तैयारियों पर कई सवाल खड़े कर दिए.
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कोई भी एक खिलाड़ी नहीं जीता सकता मुकाबला
वनडे फॉर्मेट टी20 की तरह नहीं है कि कोई भी एक बल्लेबाज चल गया तो मैच निकल सकता है. यहां कई साझेदारियां करनी पड़ती है और एक बल्लेबाजों को एक झोर संभालकर रखना पड़ता है. तीसरे वनडे में ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. सुंदर के साथ रोहित की पारी की शुरुआत करने का फैसला भी गलत साबित हुआ. ईशान और गिल अगर उपलब्ध नहीं थे तो केएल राहुल पारी की शुरुआत कर सकते थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सुंदर इस मौके का फायदा भी नहीं उठा सके.
क्या जडेजा जरूरत पड़ने पर खेल पाएंगी बड़ी पारी?
रवींद्र जडेजा ने इस मुकाबले में 35 रन का पारी जरूर खेली लेकिन इस दौरान वह लगातार अच्छे शॉट के लिए तरसते रहे. बैट से गेंद कनेक्ट नहीं हो पा रही थी हालांकि इसके बावजूद उन्होंने एक सांघा की गेंद पर छक्का लगाया और उसकी अगली गेंद पर आउट हो गए. सवाल ये है कि क्या जडेजा से हम जरूरत पड़ने पर एक बड़ी पारी की उम्मीद कर सकते हैं. इंग्लैंड के लिए मोईन अली, ऑस्ट्रेलिया के लिए ग्लैन मैक्सवेल, पाकिस्तान के लिए शादाब खान और श्रीलंका के लिए कप्तान दासुन शानाका ये काम करते रहे हैं और अपनी टीमों को मैच भी जिताए हैं.
सूर्याकुमार यादव पर कितना भरोसा?
सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सूर्यकुमार यादव पर भरोसा किया जा सकता है. इसमें कोई शक नहीं कि सूर्या टी20 के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं लेकिन वनडे में इस बल्लेबाज का आंकड़ा कुछ और ही कहता है. ऐसे में सवाल ये है कि सूर्या पर हम कितना भरोसा कर सकते हैं. वर्ल्डकप में सभी मैच महत्वपूर्ण होने वाले हैं और भारतीय टीम को देखते हुए उनके बेस्ट प्लेइंग 11 में खेलते हुए तो मुश्लिक से ही देखने को मिलेगा.
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बैटिंग पिच पर हमारे गेंदबाज कितने कारगर?
राजकोट की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने खुलकर शॉट खेले और 350 से ज्यादा रन बनाए. हालांकि बीच के ओवर्स में भारतीय गेंदबाजों ने वापसी की और उन्हें 400 के पास पहुंचने से रोका. एक समय ऑस्ट्रेलिया 400 के पार जाती हुई दिख रही थी. उन्होंने भारत के सबसे भरोसेमंद गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को जमकर पीटा और पहले 5 ओवर में उनके 51 रन बटोरे. हालांकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने गलती की और बीच के ओवर्स में उस गति से रन नहीं बना सके. अगर वर्ल्डकप में भी ऐसी पिच मिले तो भारतीय गेंदबाजों का क्या होगा. क्योंकि ऑस्ट्रेलिया या कोई भी टीम बार बार ऐसी गलती नहीं करेगी.
वर्ल्डकप से पहले बेस्ट प्लेइंग 11 को खिलाने का मौंका गवाया
वर्ल्डकप से पहले भारतीय टीम के पास ये आखिरी मुकाबला था और यहां टीम इंडिया अपने बेस्ट कॉम्बिनेशन के साथ मैदान पर उतर सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. शमी, शुभमन, हार्दिक और ईशान को इस मैच से बाहर कर दिया गया और टीम बेस्ट प्लेइंग 11 के साथ मैदान पर नहीं उतर सकती.
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