भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली इन दिनों खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. कोहली ने इस साल खेले अब तक 5 टेस्ट मैचों की 9 पारियों में महज एक ही बार 50 के आंकड़े को पार किया है. रनों के सूखे की बड़ी वजह ये है कि वो हर दूसरी पारी में आउट होने का नया तरीका ढूंढ ले रहे हैं. बेंगलुरु टेस्ट में भारत की पहली पारी के दौरान कोहली लेग स्लिप में कैच थमा बैठे थे, तो अब पुणे में वह लड्डू बॉल पर गच्चा खा गए. न्यूजीलैंड के बाएं हाथ के स्पिनर मिचेल सैंटनर की फुलटॉस गेंद को कोहली आड़े बल्ले से खेलने के प्रयास में खुद को यॉर्क कर बैठे और क्लीन बोल्ड हो गए.
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1 रन बनाकर पवेलियन लौटे कोहली
बेंगलुरु टेस्ट में कोहली ने दूसरी पारी में 70 रन बनाए थे. इस दौरान वह लय में दिखे थे, जिससे उनसे बड़ी पारी की उम्मीद की जा रही थी, मगर फैंस को निराशा हाथ लगी. पुणे टेस्ट के दूसरे दिन (25 अक्टूबर) फुलटॉस गेंद पर क्लीन बोल्ड होने के बाद कोहली काफी देर तक घुटनों के बल बैठे रहे. उनके साथ फैंस को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसी गेंद भी विकेट ले सकती है. कोहली सिर्फ 1 रन बनाकर पवेलियन लौटे. उनका विकेट 56 के स्कोर पर गिरा.
लेफ्ट आर्म स्पिनर के सामने फिर खुली पोल
पिछले कुछ समय से स्पिन के सामने कोहली की कमजोरी साफ दिखाई दी है. खासकर लेफ्ट आर्म स्पिनर्स के खिलाफ उन्हें ज्यादा संघर्स करना पड़ रहा है. एशिया में 2021 के बाद से कोहली स्पिनरों के खिलाफ 26 पारियों में 21 बार अपना विकेट गंवा चुके हैं. इस दौरान उन्होंने 28.85 की औसत से सिर्फ 606 रन ही बनाए हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इन तीन सालों में कोहली 10 बार लेफ्ट आर्म स्पिनर का शिकार हुए हैं.
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