Independence Day: भारत-पाक दोनों की ओर से खेलने वाले क्रिकेटरों ने किया तिरंगे का अपमान, लाला अमरनाथ ने लगाई थी क्लास 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 15, 2022, 07:12 AM IST

Har Ghar Tiranga

Independence Day Cricket History: 1947 में जब देश आजाद हुआ तो उसके बाद बहुत सी चीजें बदल गई थीं. बंटवारा और हिंदू-मुस्लिम दंगे के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या ने देश को कभी न भरने वाला जख्म दिया था. बापू की हत्या के बाद 2 भारतीय क्रिकेटरों ने बेहद शर्मनाक हरकत की थी. 

डीएनए हिंदी: पूरा देश आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. हालांकि आजादी और फिर जब 1948 में राष्ट्रपिता की हत्या हुई थी तो उस वक्त भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी. इस दौरे को महान खिलाड़ी डॉन ब्रैडमेन के प्रदर्शन के लिए भी याद किया जाता है. हालांकि इस सीरीज में एक बेहद शर्मनाक घटना हुई थी. राष्ट्रपिता की हत्या के बाद पूरा देश दुखी था और भारतीय खिलाड़ी भी गम में डूबे हुए थे. उस वक्त तय किया गया कि टीम का दौरा रद्द नहीं किया जाएगा बल्कि बांह पर काली पट्टी बांधकर खेलेंगे. भारतीय टीम ने तिरंगे को सलामी देने का फैसला किया लेकिन जब टीम इंडिया राष्ट्रध्वज को सैल्यूट कर रही थी तो दो खिलाड़ियों ने इससे साफ इनकार कर दिया था. 

Gul Mohammad-Amir Elahi पाकिस्तान चले गए 
बड़ौदा से आने वाले अमीर इलाही और हैदराबाद के गुल मोहम्मद ने राष्ट्रपिता के सम्मान में बांह पर काली पट्टी बांधने और तिरंगे को सैल्यूट करने से साफ इनकार कर दिया था. यह पूरी टीम ही नहीं दुनिया भर के लिए शर्मसार करने वाला अनुभव था. इस दौरे के ठीक बाद दोनों खिलाड़ी पाकिस्तान चले गए थे और वहीं की क्रिकेट टीम से खेले थे. 

मोहम्मद गुल ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कुछ वक्त तक अंपायर का भी काम किया था. उन्होंने बतौर कोच भी अपनी सेवाएं दी थी. अमीर इलाही का क्रिकेट करियर ज्यादा सफल नहीं रहा और वह सिर्फ 6 टेस्ट ही खेल पाए थे. पाकिस्तान जाने के बाद भी इन दोनों खिलाड़ियों ने राष्ट्रपिता की हत्या के बाद जैसा व्यवहार किया था उसकी टीस सालों बाद भी लोगों के जेहन में थी.

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कप्तान लाला अमरनाथ ने दोनों को खूब सुनाया था 
उस दौरे पर कप्तान लाला अमरनाथ थे. उन्होंने इन दोनों खिलाड़ियों को इस बदतमीजी के लिए खूब खरी-खोटी सुनाई थी. दोनों ही खिलाड़ी पाकिस्तान की नागरिकता लेना चाहते थे और साफ कह दिया था कि वह भारत के राष्ट्रध्वज को सलामी नहीं देंगे. दोनों खिलाड़ियों का जन्म भी लाहौर में हुआ था और दौरे के ठीक बाद दोनों पाकिस्तान में जाकर बस गए थे.

इसके जवाब में कप्तान ने कहा था कि देश लौटकर वो जहां से चाहें खेल सकते हैं और जिस देश की चाहें नागरिकता ले सकते हैं. जब तक भारत के लिए खेल रहे हैं वह भारत का अपमान नहीं कर सकते हैं. इस दौरे पर दोनों खिलाड़ियों की काफी आलोचना की गई थी. 

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