बेंगलुरु टेस्ट के चौथे दिन का खेल खत्म होते-होते भारतीय टीम बैकफुट पर चली गई है. एक समय ऐसा लग रहा था कि वो न्यूजीलैंड को 200 के आस-पास का टारगेट देने में सफल रहेगी. मगर सरफराज खान (150) और ऋषभ पंत (99) के आउट होते ही भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. टीम इंडिया ने 32 रन बनाने में आखिरी 5 विकेट गंवा दिए. इस तरह भारत की दूसरी पारी 462 रन पर सिमटी. पहली पारी के आधार पर 356 रन की विशाल बढ़त हासिल करने वाली कीवी टीम को 107 रन का अपेक्षाकृत छोटा लक्ष्य मिला.
क्या 20 साल बाद इतिहास दोहराएगी टीम इंडिया?
भारतीय टीम को अब बेंगलुरु टेस्ट जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा. उन्हें कुछ ऐसा चमत्कार करना होगा, जो 20 साल पहले राहुल द्रविड़ की कप्तानी में हुआ था. जी हां, टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में टीम इंडिया एक बार 107 रन को डिफेंड कर चुकी है. यह कारनामा उसने 2004 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था. हरभजन सिंह और मुरली कार्तिक की कहर बरबाती गेंदबाजी के सामने कंगारू टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 93 रन पर ढेर हो गई थी. इस दिन भारतीय टीम द्वारा टेस्ट क्रिकेट में डिफेंड किए गए सबसे छोटे स्कोर का रिकॉर्ड बना था. रोहित शर्मा ब्रिगेड के पास उसी इतिहास को दोहराने का मौका है.
टेस्ट में टीम इंडिया द्वारा डिफेंड किए गए 5 सबसे छोटे स्कोर
स्कोर बनाम मैदान साल
107 ऑस्ट्रेलिया वानखेड़े 2004
143 ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न 1981
170 साउथ अफ्रीका अहमदाबाद 1996
188 न्यूजीलैंड ब्रेबॉर्न 1969
188 ऑस्ट्रेलिया बेंगलुरु 2017
स्पिन तिकड़ी पर रहेंगी नजरें
न्यूजीलैंड के सामने भले ही छोटा लक्ष्य है, लेकिन चौथी पारी में उनके लिए ये आसान नहीं रहने वाला है. खासकर भारतीय स्पिन तिकड़ी - आर अश्विन, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव से पार पाना कीवी टीम के लिए मुश्किल हो सकता है. इन तीनों फिरकीबाजों ने न्यूजीलैंड की पहली पारी में आपस में 7 विकेट बांटे थे.
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