भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया है. हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन को 2-1 से हरा दिया है. हॉकी में भारत का यह 13वां ओलंपिक मेडल है. टोक्यो में हुए पिछले ओलंपिक गेम्स में टीम इंडिया ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इस तरह 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में मेडल आया है. इससे पहले 1960 से 1972 तक भारतीय हॉकी टीम ने बैक टू बैक 4 मेडल जीते थे.
1976 ओलंपिक में हॉकी टीम खाली हाथ लौटी. फिर 1980 में गोल्ड मेडल जीता था. इसके बाद से भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक मेडल के लिए 40 साल तक तरसती रही. हॉकी में मेडल का सूखा टोक्यो ओलंपिक में खत्म हुआ, जहां भारत ने ब्रॉन्ज अपने नाम किया. देश ने खेलों के महासमर में सबसे ज्यादा 8 गोल्ड जीते हैं. इसके अलावा एक सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज अपनी झोली में डाले हैं.
कप्तान हरमन ने दागे दोनों गोल
पहले क्वार्टर में भारत ने कई शानदार प्रयास किए, लेकिन गोल का खाता खाली रहा. स्पेन ने भी लगातार हमले किए. हालांकि उन्हें भी सफलता हाथ नहीं लगी. पहला क्वार्टर गोलरहित रहा. इसके बाद 18वें मिनट में स्पेन को पेनल्टी स्ट्रोक मिला, जिसे भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश के लिए बचाना मुश्किल था. स्पेन ने 1-0 की बढ़त बना ली. दूसरा क्वार्टर खत्म होने से चंद सेकंड पहले भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला. कप्तान हरमनप्रीत ने इसे भुनाते हुए शानदार गोल दागा और टीम को बराबरी दिला दी.
हाफ टाइम के बाद तीसरे मिनट में ही भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला. हरमनप्रीत के ऊपर भारत को लीड दिलाने का दबाव था और उन्होंने कोई गलती नहीं की. भारतीय कप्तान ने स्पेनिश गोलपोस्ट में गेंद डालकर टीम को 2-1 से आगे कर दिया. इसके बाद दोनों टीमों को कई पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन गोल नहीं हुआ. चौथा और आखिरी क्वार्टर खत्म होने से ठीक पहले स्पेन के पास पेनल्टी पर बराबरी गोल दागने का मौका था. मगर भारतीय रक्षापंक्ति ने किसी तरह मुसीबत टाला और मुकाबला जीत लिया.
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