भारत-इंग्लैंड सीरीज के दूसरे मुकाबले में टेस्ट डेब्यू करने वाले रजत पाटीदार बुरी तरह से फ्लॉप रहे हैं. उन्होंने अब तक तीन टेस्ट मैचों में 10.50 की बेहद साधारण औसत से सिर्फ 63 रन बनाए हैं. छह पारियों में दो बार दो वह खाता भी नहीं खोल पाए हैं. विशाखापट्टनम और राजकोट में फ्लॉप शो के बाद माना जा रहा था कि पाटीदार को रांची टेस्ट में प्लेइंग-11 से ड्रॉप कर दिया जाएगा. लेकिन इस बीच खबर आई कि केएल राहुल इस मुकाबले से भी बाहर हो गए हैं और पाटादार को एक और मौका मिल गया. उन्होंने इस मैच में भी निराश किया.
पाटीदार को टीम में रखने की ये है वजह
अब सीरीज का आखिरी टेस्ट 7 मार्च से धर्मशाला में खेला जाना है. इस मुकाबले से रजत पाटीदार का पत्ता कटना तय माना जा रहा है. हालांकि उन्हें लेकर थोड़ी असमंजस की स्थिति बन गई है. भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें स्क्वॉड से रिलीज करने का विचार कर रही है, लेकिन कोई फाइनल फैसला नहीं ले पारी है. इसके पीछे की वजह है कि अंतिम टेस्ट में भी राहुल का खेलना मु्श्किल है. उनकी दाएं क्वाड्रिसेप्स की इंजरी अबूझ पहेली बनी हुई है. राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट से पहले बीसीसीआई ने बताया था कि राहुल 90 फीसदी फिट हो गए हैं. चौथे और पांचवें टेस्ट के लिए पूरी तरह से मैच फिट होने के लिए वह एनसीए में अपनी रिकवरी प्रोसेस जारी रखेंगे.
इसके 17 दिन बितने के बाद भी राहुल मैच फिट नहीं हो पाए हैं. बीसीसीआई की मेडिकल टीम उनकी चोट से हैरान है क्योंकि उन्हें उनके क्वाड्रिसेप्स में कोई बड़ी समस्या नहीं मिली. लेकिन राहुल लगातार दर्द की शिकायत कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस 31 साल के इस क्रिकेटर को इलाज के लिए इंग्लैंड भेजा गया है. वहां वो स्पेशलिस्ट से मिल करीब एक सप्ताह से इलाज करा रहे हैं. बीसीसीआई को उनकी स्थिति पर 2 मार्च को स्पष्टता मिलने की उम्मीद है. दूसरी तरफ टीम मैनेजमेंट चाहती है कि पाटीदार रणजी सेमीफाइनल में अपनी टीम मध्य प्रदेश के लिए जाकर खेलें और फॉर्म हासिल करें. हालांकि राहुल की उपलब्धता पर बनी असमंजस स्थिति की वजह से उन्हें टीम से रिलीज नहीं कर पा रही है. अगर पाटीदार धर्मशाला में नहीं भी खेलते हैं, तो टीम को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर एक अतिरिक्त बल्लेबाज की जरूरत पड़ेगी.
धर्मशाला में एक अतिरिक्त बल्लेबाज की जरूरत
बीसीसीआई के एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, "देखा जाए तो टीम मैनेजमेंट पाटादीर को रणजी सेमीफाइनल में जाकर खेलने और फॉर्म हासिल करते देखना चाहेगा, लेकिन यह राहुल की उपलब्धता पर निर्भर करता है. यदि राहुल उपलब्ध नहीं हैं तो उन्हें टीम के साथ रुकने के लिए कहा जा सकता है. अगर देवदत्त पडिक्कल आखिरी टेस्ट में डेब्यू करते हैं तो भी मैनेजमेंट को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर टीम में एक अतिरिक्त बल्लेबाज की जरूरत होगी."
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