विनेश फोगाट ने हाल ही में दावा किया था कि पेरिस ओलंपिक 2024 में डिस्क्वालिफाई होने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने उनकी किसी तरह की कोई सहायता नहीं की थी. उन्होंने मोदी सरकार और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) पर भी निशाना साधा था. विनेश ने IOA की अध्यक्ष पीटी उषा पर आरोप लगाया था वह सिर्फ फोटो खिंचवाने पहुंची थीं. इस मामले में उनके साथ केवल राजनीति हुई और कुछ नहीं. विनेश फोगाट के इस दावे को भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरिश साल्वे ने गलत बताया है.
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कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में विनेश का केस लड़ने वाले हरिश साल्वे ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया है कि वह चाहती ही नहीं थीं कि उनके खिलाफ आए फैसले को हम चुनौती दे सकें. दरअसल, पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा फ्रीस्टाइल इवेंट के फाइनल मुकाबले से पहले विनेश को ओवरवेट होने का कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था. भारतीय रेसलर ने ओलंपिक कमेटी के इस फैसले को CAS में चुनौती दी थी. एक हफ्ते तक चली सुनवाई के बाद फैसला उनके पक्ष में नहीं आया. विनेश इस फैसले के खिलाफ स्विस कोर्ट में अपील कर सकती थीं.
हरिश साल्वे ने कहा, "मैंने उन्हें ये प्रस्ताव दिया कि हम इस फैसले को स्विस कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं, लेकिन उन्होंने इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. बाद में उनके वकिलों ने मुझे बताया कि वह इसे आगे नहीं बढ़ाना चाहती."
राजनीति के मैट पर उतरीं विनेश
पेरिस ओलंपिक से डिस्क्वालिफाई होने के बाद विनेश फोगाट ने रेसलिंग से संन्यास का ऐलान कर दिया था. पिछले हफ्ते उन्होंने राजनीति में एंट्री ली. विनेश ने कांग्रेस का दामन थामा है. वह हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना सीट से प्रत्याशी हैं.
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