डीएनए हिंदी: फीफा वर्ल्ड कप फाइनल के रोमांचक मुकाबले में अर्जेंटीना ने फ्रांस को हरा दिया और खिलाड़ियों के साथ पूरे स्टेडियम में ही मानो जश्न का माहौल बन गया था. परंपरा के मुताबिक सबसे पहले कप्तान ही ट्रॉफी उठाता है और जब लियोनेल मेसी पहुंचे तो सबकी नजरें उन पर ठहर गई थीं. दरअसल उन्होंने एक ब्लैक गाउन जैसी पोशाक पहन रखी थी और लोग हैरान थे कि आखिर यह क्या है. आप भी ऐसा सोच रहे हैं तो यहां आपको सारे जवाब मिलेंगे.
कतर का पारंपरिक बिष्ट पहना था मेसी ने
विश्व कप की ट्रॉफी लेने गए तो मीर तमीम बिन हमद अल थानी ने उन्हें काला गाउन पहनाया था. यह काला गाउन कतर में भी सब लोग नहीं पहन सकते हैं और बेहद प्रतिष्ठित और खास लोगों तक इसकी पहुंच होती है. इस गाउन जैसे पोशाक को बिष्ट कहते हैं जिसे ऊंट के बाल से तैयार किया जाता है. यह पारंपरिक कारीगर महीनों की मेहनत के बाद बनाते हैं और इसकी कीमत लाखों में होती है. मेसी ने जैसा बिष्ट पहना था वैसा ही बिष्ट रॉयल फैमिली के प्रतिनिधि भी पहने नजर आए थे.
इस गाउन के कुछ हिस्सों पर सोने के तार भी होते हैं और इसे आम लोग खरीदना तो दूर छू भी नहीं सकते हैं. मेसी को कतर की रॉयल फैमिली ने तोहफे के तौर पर बिष्ट दिया और फुटबॉलर ने इसका मान रखते हुए इसे पहनकर ही ट्रॉफी ली. यह रॉयल फैमिली की ओर से चैंपियन खिलाड़ी को दिया एक ओहदा भी है.
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मेसी के बिष्ट पहनने पर सोशल मीडिया पर घमासान
मेसी के बिष्ट पहनने पर ट्विटर पर घमासान शुरू हो गया और कुछ लोगों ने इसका विरोध किया. हालांकि इस्लामिक स्टडीज के प्रोफेसर डॉक्टर मुस्तफा बेग ने कहा कि रॉयल फैमिली के सदस्य ने खुद मेसी के कंधों पर इसे पहनाया.
यह अपनी संस्कृति के सम्मान के साथ मेहमान के प्रति प्रेम और अपना सम्मान दिखाने का भी तरीका है. बिष्ट शब्द का अरब भाषा में अर्थ भी सम्मान होता है और इसे बैजेज ऑफ ऑनर के तौर पर दिया गया है.
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