डीएनए हिंदी: टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रौशन करने वाली बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने कॉमन वेल्थ गेम्स से पहले एक बड़ा खुलासा कर दिया है. लवलीना ने ट्विटर पर एक लंबा पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि इस बड़े इवेंट से पहले उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. लवलीना के इस पोस्ट ने खेल की दुनिया में भूचाल ला दिया है और हर तरफ इसी की चर्चा हो रही है. उन्होंने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर आरोप लगाया है कि इस सब राजनीति का उनकी तैयारियों पर बुरा असर पड़ रहा है.
अपने ट्विटर पोस्ट में लवलीना ने कहा है कि 28 जुलाई से कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू हो रहे हैं और उससे ठीक पहले उनकी कोच संध्या गुरुंग को हटा दिया गया है और वो भी बिना बताए और फिर जब बाद में उन्हें शामिल भी किया गया है तो उनकी कोच को खेल गांव में एंट्री नहीं मिल रही है. इस सब का सीधा असर मेरे खेल पर पड़ रहा है.
लवलीना ने लिखा, 'आज मैं बड़े दुख के साथ कहती हूं कि मेरे साथ बहुत उत्पीड़न हो रहा है. हर बार मैं मेरे कोचेस, जिन्होंने मुझे ओलंपिक में मेडल लाने में मदद की उन्हें बार-बार हटाकर मेरे ट्रेनिंग प्रोसेस और कॉम्पटीशन में मेरे साथ उत्पीड़न किया जा रहा है. इनमें से एक संध्या गुरुंग हैं, जो द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित भी हैं. मेरे दोनों कोच कैंप में भी ट्रेनिंग के लिए हजार बार हाथ जोड़ने के बाद भी बहुत देर में शामिल किया जाता है. इससे मुझे ट्रेनिंग में काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं और मानसिक उत्पीड़न भी होता है.'
उन्होंने कहा कि अभी मेरी कोच संध्या गुरुंग कॉमनवेल्थ विलेज के बाहर हैं और मेरे ट्रेनिंग प्रोसेस गेम के ठीक आठ दिन पहले रुक गया है. जब कि मेरे दूसरे कोच को भी भारत वापस भेज दिया गया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कोच संध्या गुरुंग को भारतीय दल में आखिर में शामिल कर लिया गया है. लेकिन उन्हें आखिरी पल में शामिल किया गया, जिस वजह से उनका समय रहते एक्रीडेशन नहीं पहुंच सका और बर्मिंघम पहुंचने पर एयरपोर्ट पर उन्हें रोक लिया गया. इसके बाद वो उस होटल में रूकी जहां अतिरिक्त अधिकारी ठहरे हुए हैं. वहीं गायत्री को अभी भी वीजा नहीं मिला है, वो इंतजार में हैं.
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