French Open: हार के बाद चीन की खिलाड़ी ने सुनाया दर्द, कहा- पीरियड्स की वजह से हार गई, काश मैं लड़का होती

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 31, 2022, 12:51 PM IST

China's Qinwen Zheng

फ्रेंच ओपन में दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी इगा स्वितेक से हारने के बाद चीन की झेंग किनवेन ने कहा है कि मेंस्ट्रुअल क्रैंप की वजह से वह चूक गईं.

डीएनए हिंदी: सपना फ्रेंच ओपन चैंपियन बनने का था. साल के दूसरे ग्रैंडस्‍लैम टेनिस टूर्नामेंट की लाल बजरी पर वर्ल्‍ड नंबर वन इगा स्वितेक के खिलाफ पहला सेट जीत भी लिया. मगर उसके बाद चीन की झेंग किनवेन बेबस हो गईं. इतनी कि तीन सेट का मुकाबला 6-7, 6-0, 6-2 से गंवाने के बाद यहां तक कह दिया कि काश मैं लड़का होती. स्वितेक के खिलाफ इस सपनों सरीखी शुरुआत और आंसुओं से भीगे अंत के बीच जो दर्द झेंग के हिस्‍से आया उसकी वजह थे पीरियड्स. बेशक दुनिया की 74वें नंबर की महिला खिलाड़ी झेंग को पैर में चोट लगी थी और इलाज के लिए उन्हें ब्रेक भी लेना पड़ा था, लेकिन फ्रेंच ओपन में झेंग के सफर के अंत की बड़ी वजह पीरियड्स भी थे. 

क्या था मामला
फ्रेंच ओपन में दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी इगा स्वितेक से हारने के बाद चीन की झेंग किनवेन ने कहा है कि मेंस्ट्रुअल क्रैंप (Menstrual Cramps) की वजह से वह इतिहास रचने से चूक गईं. मैच हारने के बाद उन्होंने यहां तक कहा कि काश मैं लड़का होती. 19 साल की झेंग पहली बार रोलैंड गैरोस में खेल रही थीं. खेल में उनकी शुरुआत भी काफी अच्छी थी. मगर फिर कुछ ऐसा हुआ कि वह यह मुकाबला जीत नहीं सकीं. हार के बाद उन्होंने इसके पीछे जो कारण बताया है उसे लेकर काफी चर्चा भी हो रही है.

कैसा था मुकाबला
पहला सेट 6-7 के करीबी अंतर से जीतने के बाद झेंग को दूसरे सेट में 6-0 और तीसरे सेट में 6-2 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. इस हार के साथ ही फ्रेंच ओपन में उनका सफर खत्म हो गया. इस मैच के दौरान उन्हें पैर में भी चोट लगी थी, लेकिन हार की वजह पर झेंग ने पीरियड्स को वजह बताया.

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कहा- काश लड़का होती
हार के बाद झेंग ने बताया कि पैर में लगी चोट की उन्हें कोई चिंता नहीं थी, लेकिन पेट में दर्द की वजह से उनका खेल प्रभावित हुआ और उन्हें हार का सामना करना पड़ा.उन्होंने कहा, 'पहला दिन हमेशा बहुत मुश्किल होता है और ऐसे में मुझे मैच खेलना था. मुझे पहले दिन हमेशा बहुत ज्यादा दर्द होता है. मैं अपने स्वभाव के खिलाफ नहीं जा सकती थी. मैं सोचती हूं कि काश मैं लड़का होती तो मुझे यह सब नहीं झेलना पड़ता.यह मुश्किल है.'

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